हमारे जीवन का लक्ष्य...........🌺
ये शरीर कृष्ण कृपा से मिला है और केवल कृष्ण की प्राप्ति के लिये ही मिला है | इसलिये हम को चाहे कुछ भी त्यागना पडें ,सब छोडकर कृष्ण भक्ति में तुरंत लग जाना चाहिये |
जैसे छोटा बालक कहता है कि माँ मेरी है | उससे कोई पूँछे कि माँ तेरी क्यों है तो इसका उत्तर उसके पास नहीं है | उसके मन में यह शंका ही पैदा नहीं होती कि माँ मेरी क्यों है ?
माँ मेरी है बस इसमें उसको कोई सन्देह नहीं होता | इसी तरह आप भी सन्देह मत करो और यह बात दृढता से मान लो कि कृष्ण मेरे है | कृष्ण के सिवाय और कोई मेरा नहीं है क्योकि वह सब छूटने वाला है|
जिनके प्रति आप बहुत आसक्त रहते हैं , वे माँ बाप , पति- पत्नी ,बच्चे ,रूपये, जमीन , मकान, रिस्ते- नाते आदि सब छूट जायेंगें | उनकी याद तक नहीं रहेगी|
अगर याद रहने की रीत हो तो बतायें कि इस जन्म से पहले आप कहाँ थे| आपके माँ ,बाप ,स्त्री, पुत्र कौन थे ?
आपका घर कौन सा था | जैसे पहले जन्म की याद नहीं है ऐसे ही इस जन्म की भी याद नहीं रहेगी |
जिसकी याद तक नही रहेगी उसके लिये आप अकारण परेशान हो रहे हो ! यह सबके अनुभव की बात है कि हमारा कोई नहीं है सब मिले हैं और विछुड जायेगें ,आज नहीं तो कल इसलिये
"मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई" - ऐसा मानकर मस्त हो जाओ |
दुनियाँ सब की सब चली जाये तो परवाह नहीं है पर हम केवल कृष्ण के हैं और केवल कृष्ण हमारे हैं ! केवल एक मात्र यही सच है और बाकी सब झूठ. इसके सिवाय और किसी बात की ओर देखो ही मत , विचार ही मत करो |
आज से कृष्ण के होकर रहो ,कोई क्या कर रहा है कृष्ण जानें हमें मतलब नहीं है| सब संसार नाराज हो जाये तो परवाह नहीं पर कृष्ण तो मेरे हैं - इस बात को पकड़ कर रखो बस |
हरे कृष्णा 🙏
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