हिन्दू शरणार्थीयो से भेदभाव क्यों?

इंदिरा गांधी को क्यों थे प्यारे बंग्लादेशी मुसलमान, युगांडा के हिन्दूओ ने क्या बिगाडा था कांग्रेस का? 


 


युगांडा के हिंदूओं पर जुल्म कांग्रेस में कांग्रेस का हाथ , जानिए क्या थी साजिश     ? 


...युगांडा में  85 % ईसाई तो 14 % मुस्लिम जनसंख्या वाला देश है। पहले यह देश भी ब्रिटेन का गुलाम था।


इसी के कारण यहां से बहुत सारे भारतवासी युगांडा ले जाय गयें थे । जिनमे आधे गुजरात से तो आधे सम्पुर्ण भारत से थें।  


भारतवासियों ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया जिसके फलस्वरूप वें वहाँ जाकर समृद्ध बन गयें। उद्योग -धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा।


 ईदी अमीन नामक एक मुस्लिम सैन्य अधिकारी ने 1971 में तख्ता पलटकर मिल्टन ओबेटो को हटा दिया और स्वयं युगांडा का प्रमुख बन गया।


अपने शासन के एक साल बाद 1972 इसने गैर मुस्लिम भारतीयों को बाहर निकल जाने का फरमान सुनाया।इस फरमान के बाद भी जब भारतवंशी हिंदूओं ने युगांडा नही छोड़ा तो उसने अपने इस्लामिक सैनिकों को लूट -मार करने की खुली छूट दे दी।


...युगांडा के सेंट्रल और उत्तरी जोन में मुसलमान ज्यादा रहते हैं और इसी जोन में भारतवंशी भी ज्यादा रहते थे।       ईदी अमीन की खुली छूट के कारण सेना के साथ-साथ मुसलमानों ने भी हिंदूओ को मारना-पीटना शुरु कर दिया।जिसके कारण अपने कठिन परिश्रम से अर्जित पीढ़ियों की समुची कमाई छोड़कर हिंदूओं को वहां से जान बचा के भागना पड़ा।


सेना और मुस्लिम जनता ने मिलकर हिंदूओं की संपत्ति पर कब्जा कर लिया।


....सैकड़ो हिंदूओं को मारा गया फिर भी 60,000 लोग वहां से भागने में सफल रहें।


इनको वहां से सुरक्षित निकालने में RSS ने बहुत ही महत्वपुर्ण भूमिका निभाई थी।


इंदिरा गांधी तब देश की प्रधानमंत्री थी ၊ युगांडा के हिंदूओं पर अत्याचार को देखकर RSS के संघ संचालक बालासाहेब देवरस  ने इंदिरा गांधी से संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने की अपील की, किंतु हिन्दुओं के लिए इन्दिरा गांधी ने कोई कदम नहीं उठाया ।


तब संघ के संचालक ने केन्या के हिंदू संगठनों को तार भेजकर भारत वंशीयों की सहायता करने की अपील की।


दरअसल केन्या युगांडा का पड़ोसी देश है और केन्या में 1947 की मकर संक्रांति के दिन संघ के स्वयसेवकों ने " भारतीय स्वयंसेवक संघ " नामक संगठन का निर्माण किया था और यह बहुत जल्दी ही एक बड़ा संगठन बन गया।


....खैर संकट की उस घड़ी में RSS के केन्या की अपनी शाखा ( भारतीय स्वयंसेवक संघ ) के स्वयंसेवकों ने युगांडा के हिंदुओं के पुनर्वास में तन-मन धन से सहायता की।


यहाँ तक की उन भारतवंशीयों को ब्रिटेन और फिजी भेजने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


तब उनके इस कार्य की अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के दूतावासों ने "भारतीय स्वयंसेवक संघ " की प्रशंसा की थी।


...उन 60,000 हिंदूओं में से 29,000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली तो  4,500 फीजी गयें ,5,000 ने कनाडा में, 1,200 लोगों ने केन्या में शरण ली और 11000 लोग लौटकर भारत आएं।


...शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11,000 हिंदूओं पर मौन साधी रही लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और समुचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा तब जाकर इंदिरा गांधी  को इन्हे नागरिकता देनी पडी।


...यह बात जानना भी महत्वपूर्ण है 29,000 हिंदूओं ने जो ब्रिटेन में शरण ली थी इसके कारण वहाँ के समाचारपत्रों ने इसके लिए अपनी सरकार की कड़ी आलोचना करना शुरु कर दिया।


ब्रिटेन के अखबारों की आलोचना इतनी कड़वी थी  कि मजबुरन वहां के विदेश मंत्री को यह कहना पड़ा कि हम इनको ब्रिटेन में नही रखने जा रहे हैं हम इन सभी को भारत भेजेगें।


...तब इस मुद्दे पर ब्रिटेन और भारत के अधिकारियों में बातचीत शुरू हुई।भारत टस से मस नही हुआ उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी से खुद बात की किंतु इंदिरा गांधी ने 29,000 भारतीयों को लेने से इंकार कर दिया।


बाद में संयुक्तराष्ट्रसंघ ने हस्तक्षेप किया कि यह अभी प्रताडऩा से पीड़ित हैं इसलिए इनको तत्काल ब्रिटेन में ही रहने दिया जाए।बाद में उनके अच्छे ब्यवहार के कारण सभी 29,000 को ब्रिटेन की नागरिकता दे दी गई, किन्तु तब की कांग्रेस और इन्दिरा गांधी की उपेक्षा की वजह से युगांडा ने हिन्दुओं का उत्पीडन हुआ और उन्हें भारत में  शरण नहीं दी गई और वो शरणार्थी बनकर दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हुए ၊
 
सन् 1971 में वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने बंगलादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों के लिए नागरिकता बिल में संशोधन किया और सभी बंगलादेशी मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देकर उन्हें सारी सुविधाएं दी गई ।


कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता केवल हिन्दुओं को सुविधाए देनें से खराब होती है , मुस्लिमों से नहीं, तभी तो आज जब मोदी सरकार दुनियां में सताए जा रहें हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता देकर सहारा देना चाहती है , तब कैसे कांग्रेस ने नागरिक संशोधन बिल का विरोध कर रही है, और हम सभ देख रहे है ၊


समय है कि दुनियां के हिन्दू समझे कि उनकी चिन्ता करने वाला पूरी दुनियां में यदि कोई है तो वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वं भाजपा ही है , बाकी केवल वोट के भूखे हैं और देश को खोखल करने की मानसिकता रखते हैं ၊


संजय वर्मा पत्रकार हरिद्वार


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