- इजराइली लड़कीयो से सबक ले
कोई कितना भी बड़ा मर्द का बच्चा क्यो न हो,,कितना भी ताकतवर हो,ज़रा किसी इज़राइल की लड़की का बलात्कार तो दूर की बात है,ज़रा सा छू कर भी दिखाए,सेकंडों में,पल भर में हाथ तोड़कर स्थान विशेष में घुसेड देती है।
टट्टे पर ऐसा प्रहार करती है कि जीवन मे वो मर्द,अपनी लुगाई के मतलब का भी नही रह जाता।जीवन भर बस मूत ही सकता है वो,ओर कुछ नही कर सकता।
इज़राइल की बात करना यहां कुछेक बातों के लिए ज़रूरी है।इज़राइल में हर नागरिक को सैन्य प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है,चाहे वो महिला हो या पुरुष।..मतलब वहां हर वयस्क चाहे वो कोई भी नॉकरी या व्यापार करता हो,उसे आर्मी ट्रेनिंग लेनी ही पड़ती है।
सैन्य प्रशिक्षण(आर्मी ट्रेनिंग) में जहां देश की सुरक्षा के बारे में सिखाया जाता है,उसी ट्रेनिंग में पुरुषों को महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी सुरक्षा करने जैसे स्वयं की जिम्मेदारियां भी सिखाई जाती है।
एक अकेला यहूदी देश,...जो 56 देशों से घिरा होने के बावजूद,मजाल है कोई इनके ऊपर आंख उठा कर देख सके,!शांतिदूत देशों को पता है BC इनके घर की औरतें भी पल भर में गर्दन की हड्डी को ऐसे तोड़ देती है,जैसे कोई सींक झाड़ू की सींक को तोड़ देता है।
हमारे देश भारत मे हम लोग अपने बच्चों को पढ़ाई और सिर्फ पढ़ाई पर जोर देने को कहते है,सभी को अपने बेटे/बेटी में,डॉक्टर,,इंजीनियर ओर आजकल मॉडल एक्टर से कम बनना तो बर्दाश्त ही नही है।
अरे दूसरों को कब तक हम लोग दोष देते रहेंगे।
यहां भारत मे सरकारों पर छोड़ दो,पता नही सरकार स्कूलों में इज़राइल जैसे प्रशिक्षण कब देना शुरू करेगी।
अपनी जिम्मेदारियों को समझो,सबसे पहले तो हमे अपने बच्चे जो तरुणावस्था में(13 साल के बाद) आते ही उन्हें हर बात खुलकर बताओ,...
जिनकी बेटियां 12 वर्ष से ऊपर की है उन्हें कम से कम ये जरूर ओर ज़रूर सिखाओ की मर्द के सबसे संवेदनशील जगह अंडकोष(टट्टे)पर कैसे हमला करना है।इस बात को बिना झिझके प्रोपरली समझाइए,बाकायदा जितनी हो सके,जैसे हो सके उन्हें स्वयं घर पर ही बार बार प्रशिक्षण दीजिये।
4 हरामखोर लड़के अगर किसी लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश करते है, और लड़की ने यदि एक लड़के पर घुटना मारकर बुरी तरह चींखते हुए सिर्फ एक ही लड़के के टट्टे फोड़ दिए तो यकीन मानिए बाकी के लड़के डर के मारे भाग जाएंगे।
घुटना नही मार सकती तो उसके टट्टे पकड़ कर इतनी बुरी तरह अपने हाथों से भीच कर कुचल दो को वो अचेत हो जाये,ओर आपको वहां से भागने का मौका मिल सके।
अब समय आ गया है,जितनी भी महिलाएं मेरी पोस्ट पढ़ रही है,पोस्ट पढ़ते ही कोई और काम बाद में करना,सबसे पहले,अपनी बेटी के स्कूल बैग या कोलिज बैग या पर्स में एक कैंची, या सेफ्टी पिन,या नैलक्टर जैसी चीजें ज़रूर रख दें,,साला ओर कुछ नही मिले तो दस दस रुपये के लाल पिसी हुई मिर्च के पैकेट ज़रूर रख दें।अभी के अभी।
ओर यदि आपके बेटे, जैसे मेरा बेटा है 12 वर्ष का है,बेटे से मैने प्रियंका रेड्डी के साथ जो हैवानियत हुई,उस विषय पर खुलकर चर्चा की,ओर उसे बताया कि कैसे किसी महिला के अकेले होने पर उसकी मदद करनी चाहिए,, गलत नियत नही होनी चाहिए,,।आप भी अपने बेटे से इस विषय पर बात कीजिये।ताकि शायद जीवन मे किसी की बेटी की वो मदद कर सके,उसमे वो मदद करने वाली बात सदैव ज़िंदा रहे।
बच्चे बहुत एडवांस है दोस्तों हमारी सोच से भी परे,,हमारी जिम्मेदारी है इस समाज को साफ सुथरा रखने की।खुलकर इन्हें ट्रेनिंग दो या दिलवाओ।
ओर मानसिक रूप से इन्हें 14,15साल उम्र होते होते सब कुछ बता दो।
ताकि भविष्य में ये अपनी सुरक्षा वक्त आने पर स्वयं कर सकें,स्वयं लड़ सके,पुलिस हर नागरिक के लिए 24 घण्टे नही रह सकती।
बाकी सरकारों और प्रशासन को दोष देना है तो देते रहिये,क्योंकि अगला नम्बर आपका है या आपके ही घर की किसी एक ओर बेटी प्रियंका रेड्डी का है।।
साभार
No comments:
Post a Comment