- कुष्ठ रोगीयो के लिए देवदूत है भाई बी पी गुप्ता
स्वास्थ्य विभाग बना रहा है कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड
स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता अपने सहयोगी ललित वोहरके साथ कुष्ठ रोगी के लिए तैयार कर रहे हैं आयुष्मान गोल्डन कार्ड
- स्वास्थ्य विभाग बना रहा है कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड
स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता अपने सहयोगी ललित वोहरा के साथ कुष्ठ आश्रमो में जा कर बना चुके हैं 150 गोल्डन कार्ड
कुष्ठ रोगी समाज का वह हिस्सा हैं जो लगो की घृणा, दया और उपेक्षा का मिला जुला हिस्सा हैं जिसे ईश्वर के सिवाऐ किसी का सहारा नहीं है। हमारे हिन्दू धर्म में कुष्ठ रोग को हमारे जघन्य पापो का परिणाम बता कर कुष्ठ रोगी को समाज से बहिष्कृत कर मरने के लिए छोड देते हैं
लेकिन, लेकिन लेकिन हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता के लिए ये कुष्ठ रोगी ईश्वर का स्वरूप है और इनकी सेवा श्री हरि की सेवा के समान है। हरिद्वार में उन कुष्ठ रोगीयो की बस्तियों में जँहा सूर्य की रोशनी भी जाने से कतराती हैं समाज का बडा हिस्सा जो इन पर केवल दया तो कर सकता है लेकिन इनके पुनर्वास के प्रति उदासीन रहता है ऐसे मे अपनी 32 साल की नौकरी में बी पी गुप्ता कुष्ठ रोगीयो के भगवान बन कर इन्हें कुष्ठ रोग से बचाव और निदान की ट्रेनिंग विगत कयी वर्षो से दे रहे हैं, दिन रात सरकारी सेवा में रहते हुए भी बड़ी तन्मयता के साथ कुष्ठ रोगीयो की सेवा कर रहे हैं। आज 5 कुष्ठ आश्रमो में सेवा कार्य के लिए जाने का अवसर मिला तो हर जगह बी पी गुप्ता और उनके सहयोगी ललित वोहरा से मिलना हुआ बात करने पर पता चला कि ये कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। कुष्ठ रोगीयो की प्रति करूणा भाव इनकी बातो से छलक पडा जब बी पी गुप्ता ने कहा कि 'भाई साहब अगर एक बस्ती में एक बैटरी रिक्शा मिल जाए तो इन्हें आने जाने की सुविधा हो जाएगी' मेरी ये पोस्ट पढने वालो से अपील है कि इस मानवीय कार्य में सहयोग प्रदान करने की कृपा करे।
स्वास्थ्य विभाग बना रहा है कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड
स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता अपने सहयोगी ललित वोहरा के साथ कुष्ठ आश्रमो में जा कर बना चुके हैं 150 गोल्डन कार्ड
कुष्ठ रोगी समाज का वह हिस्सा हैं जो लगो की घृणा, दया और उपेक्षा का मिला जुला हिस्सा हैं जिसे ईश्वर के सिवाऐ किसी का सहारा नहीं है। हमारे हिन्दू धर्म में कुष्ठ रोग को हमारे जघन्य पापो का परिणाम बता कर कुष्ठ रोगी को समाज से बहिष्कृत कर मरने के लिए छोड देते हैं
लेकिन, लेकिन लेकिन हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता के लिए ये कुष्ठ रोगी ईश्वर का स्वरूप है और इनकी सेवा श्री हरि की सेवा के समान है। हरिद्वार में उन कुष्ठ रोगीयो की बस्तियों में जँहा सूर्य की रोशनी भी जाने से कतराती हैं समाज का बडा हिस्सा जो इन पर केवल दया तो कर सकता है लेकिन इनके पुनर्वास के प्रति उदासीन रहता है ऐसे मे अपनी 32 साल की नौकरी में बी पी गुप्ता कुष्ठ रोगीयो के भगवान बन कर इन्हें कुष्ठ रोग से बचाव और निदान की ट्रेनिंग विगत कयी वर्षो से दे रहे हैं, दिन रात सरकारी सेवा में रहते हुए भी बड़ी तन्मयता के साथ कुष्ठ रोगीयो की सेवा कर रहे हैं। आज 5 कुष्ठ आश्रमो में सेवा कार्य के लिए जाने का अवसर मिला तो हर जगह बी पी गुप्ता और उनके सहयोगी ललित वोहरा से मिलना हुआ बात करने पर पता चला कि ये कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। कुष्ठ रोगीयो की प्रति करूणा भाव इनकी बातो से छलक पडा जब बी पी गुप्ता ने कहा कि 'भाई साहब अगर एक बस्ती में एक बैटरी रिक्शा मिल जाए तो इन्हें आने जाने की सुविधा हो जाएगी' मेरी ये पोस्ट पढने वालो से अपील है कि इस मानवीय कार्य में सहयोग प्रदान करने की कृपा करे।
साथ कुष्ठ आश्रमो में जा कर बना चुके हैं 150 गोल्डन कार्ड
कुष्ठ रोगी समाज का वह हिस्सा हैं जो लगो की घृणा, दया और उपेक्षा का मिला जुला हिस्सा हैं जिसे ईश्वर के सिवाऐ किसी का सहारा नहीं है। हमारे हिन्दू धर्म में कुष्ठ रोग को हमारे जघन्य पापो का परिणाम बता कर कुष्ठ रोगी को समाज से बहिष्कृत कर मरने के लिए छोड देते हैं
लेकिन, लेकिन लेकिन हरिद्वार के स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य प्रशिक्षक बी के गुप्ता के लिए ये कुष्ठ रोगी ईश्वर का स्वरूप है और इनकी सेवा श्री हरि की सेवा के समान है। हरिद्वार में उन कुष्ठ रोगीयो की बस्तियों में जँहा सूर्य की रोशनी भी जाने से कतराती हैं समाज का बडा हिस्सा जो इन पर केवल दया तो कर सकता है लेकिन इनके पुनर्वास के प्रति उदासीन रहता है ऐसे मे अपनी 32 साल की नौकरी में बी पी गुप्ता कुष्ठ रोगीयो के भगवान बन कर इन्हें कुष्ठ रोग से बचाव और निदान की ट्रेनिंग विगत कयी वर्षो से दे रहे हैं, दिन रात सरकारी सेवा में रहते हुए भी बड़ी तन्मयता के साथ कुष्ठ रोगीयो की सेवा कर रहे हैं। आज 5 कुष्ठ आश्रमो में सेवा कार्य के लिए जाने का अवसर मिला तो हर जगह बी पी गुप्ता और उनके सहयोगी ललित वोहरा से मिलना हुआ बात करने पर पता चला कि ये कुष्ठ रोगीयो के आयुष्मान गोल्डन कार्ड बना रहे हैं। कुष्ठ रोगीयो की प्रति करूणा भाव इनकी बातो से छलक पडा जब बी पी गुप्ता ने कहा कि 'भाई साहब अगर एक बस्ती में एक बैटरी रिक्शा मिल जाए तो इन्हें आने जाने की सुविधा हो जाएगी' मेरी ये पोस्ट पढने वालो से अपील है कि इस मानवीय कार्य में सहयोग प्रदान करने की कृपा करे।
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