युगदृष्टा व समन्वयवादी संत थे स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज: आई.डी. शर्मा शास्त्री
भारत माता जनहित परिसर में स्थित ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज की समाधि पर हुआ अनुष्ठान
हरिद्वार, 25 दिसम्बर। भारत माता मंदिर के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज की अर्द्धवार्षिक पुण्यतिथि के अवसर पर भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट के मुख्य न्यासी आई.डी. शर्मा शास्त्री के संयोजन में भारत माता जनहित परिसर स्थित ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज की समाधि पर यज्ञ-हवन एवं संतजनों के भोजन भण्डारे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट के मुख्य न्यासी आई.डी. शर्मा शास्त्री ने अपने गुरूदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज को भावभीनी श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि ब्रह्मलीन गुरूदेव युगदृष्टा थे। उनकी समन्वयवादी विचारधारा हर काल में प्रासंगिक रहेगी और अखण्ड भारत को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि गुरूदेव के ब्रह्मलीन होने के पश्चात जो रिक्तता हो गयी है उसकी पूर्ति संभव नहीं है। भारत माता मंदिर के श्रीमहंत ललितानन्द गिरि महाराज ने कहा कि गुरूदेव ने जो सिद्धांत प्रतिपादित किये थे वह प्रत्येक मनुष्य को मंगलमय जीवन जीने की प्रेरणा देते रहेंगे। उन्होंने मानवसेवा, पीड़ित, शोषित वर्ग के उत्थान के लिए जो कार्य किए वे सदैव अविस्मरणीय रहेंगे। इस अवसर पर पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज के ब्रह्मलीन होने के पश्चात संत समाज को जो क्षति हुई है वह अपूर्णीय है। स्वामी जी युगपुरूष थे जिनके पुरूषार्थ के चलते पूरे देश में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में सनातन हिन्दू धर्म की धर्म ध्वजा और संस्कृति का प्रचार-प्रसार हुआ। उन्होंने पूरे विश्व को जो बन्धुत्व का संदेश दिया वह हर काल में अनुकरणीय रहेगा। इस अवसर पर भारत माता जनहित परिसर में संतजनों, विद्यार्थियों को भोजन, गर्म वस्त्र वितरित किये गये। ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज के अर्द्धवार्षिक पुण्यतिथि के अवसर पर उदयनारायण पाण्डेय, आई.डी. त्रिवेद्वी, हरिहर जोशी, परशुराम, पं. कृष्णा बिष्ट, गिरधारीलाल चद्रवानी, संजय वर्मा, विनोद कुमार शर्मा, नवीन शर्मा, रश्मिता चतुर्वेदी, पूर्णिमा शर्मा, धर्मानन्द पंत, बजरंग द्विवेदी, उमेश द्विवेदी, आलोक यादव, राकेश कुमार, सुरेश भदौरिया सहित भारत माता मंदिर समन्वय सेवा ट्रस्ट के सहयोगी एवं श्रद्धालु भक्तजन उपस्थित रहे।
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