#स्वदेशीसंदेश
आत्म निर्भर बने
पढ़ाई करते हुए भी,कमा रहा है,
₹20000 मासिक!
कल रात गुजरात के राजकोट के पास गोंडल शहर में रात्रि में एक कार्यक्रम था। जिसमें पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों की संख्या अधिक थी।
वहां पर रोजगार पर बोलते हुए मैंने कहा कि हमें जल्दी कमाई करना सीखना चाहिए और इस दृष्टि से वारेन बफेट (दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति) का एक वाक्य भी उन्हें सुनाया कि"मैं 11 वर्ष का था जब मैंने पहली कमाई शुरू की और अब मैं सोचता हूं कि मुझे और जल्दी करना चाहिए था।"
फिर मैंने पूछा "आप में से भी कोई पढ़ते हुए कमाई कर रहा है?" तो तीन ने हाथ खड़े किए। एक ने बताया "मेरे पिताजी गरीब हैं।वे मेरी फीस का पैसे भी नहीं दे सकते थे। इसके कारण से मैंने कोई काम करने की सोची। मोबाइल पर यूट्यूब देखते हुए मुझे एक आईडिया सूझा। और दाहोद शहर के आसपास के गांवों में मैंने जूते चप्पल बेचने और सप्लाई करने का काम शुरू किया। पहले तो राजकोट से लाता था फिर बाद में सस्ता लगा तो दिल्ली से लाने लगा।"
मैंने पूछा "कितनी कमाई कर लेते हो,सेल कितनी है?" तो वह बोला कुल मिलाकर तीन लाख तक की सेल कर लेता हूं। मैंने कई लड़कों को सेलमैन के नाते से रखा हुआ है। खुद यहां डिप्लोमा पढ़ाई कर रहा हूं। और गांव गांव में वे सेलमैन जाते हैं उन सब को भी 10से12000 बचता है, मेरे को 20,000 से अधिक मिल जाता है।"
मैंने उसके नाम पर सभी से तालियां बजवाई। और उन्हें कहा "हम सबको भी इस राह पर सोचना चाहिए कि पढ़ते-पढ़ते अच्छी कमाई शुरू कर दें। क्योंकि यदि बाद में नौकरी मिली तो ठीक, नहीं मिली तो भी स्वरोजगार से बहुत अच्छी कमाई तो कर ही सकते हैं। प्रिंसिपल भावेशभाई व अन्य अधिकारी सहित, सभी नागरिक व विद्यार्थी इस विचार से गदगद हुए।
नीचे:उसी विद्यार्थी के साथ बात करते हुए।
~सतीश कुमार
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