गजल
न आने का ये तो बहाना नहीं है।
ये कह दो के मौसम सुहाना नहीं है।।
सबब-ए-उदासी पता है तुम्हें भी।
अगर कोई पूछे बताना नहीं है।
ये कह दो जरा साकिया से खुदारा।
सिवा मैकदे के ठिकाना नहीं है।।
समंदर की लहरों जरा सब्र रखना।
लिखा नाम जो है मिटाना नहीं है।।
नजर से जमाने की बच के गुजरना।
तुम्हारा हमारा जमाना नहीं है।।
dard garhwali, dehradun
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