गजल
दर्द गढ़वाली
मुरव्वत में बहुत धोखा हुआ है।
मगर जो भी हुआ अच्छा हुआ है।।
नई तो बात इसमें भी नहीं है।
मेरा ये ख्वाब तो देखा हुआ है।।
बताए कौन क्या तकदीर में है।
वही होना है जो लिक्खा हुआ है।।
नहीं देगा तुम्हें धोखा मेरा दिल।
मेरा जांचा हुआ परखा हुआ है।।
सबा खुशबू कली गुल चांद तारे।
तुम्हारा खूब कल चर्चा हुआ है।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
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