हास परिहास

 


मौसी मेरा तो नाम ही केजरीवाल हैं 


मौसी: लेकिन बेटा, बुरा नहीं मानना, इतना तो पूछना ही पड़ता है, कि कन्हैया कुमार का खानदान क्या है, उसके लछछन कैसे है, कमाता कितना है?
दोस्त : कमाने का तो यह है, मौसी.... कि एक बार JNU से स्टाईपेंड बंद हो गयी तो ... कमाने भी लगेगा.
मौसी : स्टाईपेंड मतलब, बच्चा पढ़ रहा है? इतनी कम उमर में शादी?
दोस्त : नहीं नहीं ये मैंने कब कहा मौसी. लडका तो 30 साल का है. वहाँ तो 40, 45 साल के बच्चे भी स्टूडेंट होते हैं.
मौसी : हाय दैया, इतना बड़ा लड़का? और रहता कहाँ है, होस्टल में?
दोस्त : वैसे रहता होस्टल में है पर कभी कभी पुलिस थाने में सोना पड़ता है...
मौसी : पुलिस थाने में? तो क्या लड़का चोर है?
दोस्त : वो और चोर ना... ना मौसी वो तो क्रांतिकारी है. कभी कभी दोस्तों के साथ अफजल के समर्थन में या पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे देता पकड़ा जाता है तो पुलिस उठा के ले जाती है.
मौसी : ही ही बस यही एक कमी रह गयी थी. मतलब देशद्रोही है वो?
दोस्त : मौसी आप तो मेरे दोस्त को गलत समझ रही हैं. वो तो इतना सीधा और भोला है कि आज़ादी के चक्कर में उसे होश ही नहीं रहता कि वो कौन से देश का है.
मौसी : अरे बेटा, मुझ बुढ़िया को समझा रहे हो, मेरे बचपन में हम आजाद हो चुके हैं. अब कौनसी आजादी मांग रहा है?
दोस्त: बस मौसी, उसका पता चलते ही हम आप को खबर दे देंगे.
मौसी : एक बात की दाद दूँगी बेटा, भले सौ बुराईयां है, तुम्हारे दोस्त में फिर भी तुम्हारे मुंह से उस के लिए, तारीफ ही निकलती है.
दोस्त : अब क्या करूं मौसी.... मेरा तो नाम ही केजरीवाल है.😆😆😆


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