भारत के उत्पाद पहुँच गए चीन के बाजार में
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वाह! स्वदेशी की एक और जीत।पानीपत का कंबल, चादर अब बिकने लगा है चीन के बाजारों में...!
परसों हरियाणा के प्रवास पर मैं पानीपत पहुंचा। वहां पर उद्योग-जगत, की रोजगार व इंडस्ट्री ग्रोथ के विषय को लेकर उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन था।
मैंने जब वहां की इंडस्ट्री के बारे में पूछा तो सरदार प्रीतम सिंह,जो वहां कंबल एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं, उत्साह में बताने लगे "पानीपत की 3डी चादर व मिंक कंबल अब हम इतने सस्ते में और इतनी अच्छी क्वालिटी का बना रहे हैं कि अब पानीपत में चीन से आयात करने की बात तो छोड़ो, अब चीन में हमारा माल जा रहा है और बिकने लगा है।"
मुझे आश्चर्य हुआ इसी पानीपत में केवल 5 साल पहले 90% चीन की चादरें, कंबल आयात हो रही थी, इंडस्ट्री मर रही थी,60000 लोगों का रोजगार चला गया था। लेकिन 5 वर्षों में ही सरकार, उद्योग जगत स्वदेशी और जनता की जागरूकता का परिणाम हुआ की जो चादर चीन में ₹150 में बनती है अब वह ₹135 में पानीपत में बन रही है, क्वालिटी भी अच्छी है।पानीपत की इस बैठक में उत्साह ही उत्साह था। और एक संकल्प भी था कि कैसे हम पानीपत को टेक्सटाइल का भारत के सबसे बड़ा निर्यातक कलस्टर के नाते से विकसित कर सकते है।
यह चीन के ऊपर इतनी बड़ी जीत है कि मुझे लगा स्वदेशी के पाठकों को सबसे पहले मैं बताऊं।
...जय स्वदेशी जय भारत।
नीचे:इसी बैठक में सांसद संजय भाटिया दोनों विधायक, स्किल यूनिवर्सिटी के वीसी राज नेहरू, स्वदेशी के बलराम नंदवानी व अन्य कार्यकर्ता।
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