- *हमारा स्वस्थ चिंतन ही हमारी प्रगति का मार्ग है
जो जैसा सोचता है, वैसा ही बन जाता है
हमारा मस्तिष्क ही इच्छापूर्ति वृक्ष है आप जिस चीज की प्रबल कामना करेंगे वह आपको अवश्य मिलेगी।*
अधिकांश लोगों को जीवन में बुरी चीजें इसलिए मिलतीहैं.....
क्योंकि वे *बुरी चीजों की ही कामना* करते हैं।
इंसान ज्यादातर समय सोचता है-कहीं बारिश में भीगने से मै *बीमार न हों जाँऊ* ..और वह *बीमार हो जाता हैं*..!
इंसान सोचता है - मेरी *किस्मत ही खराब* है .. और उसकी *किस्मत सचमुच खराब* हो जाती हैं ..!
इस तरह आप देखेंगे कि आपका *अवचेतन मन( subconscious mind)* इच्छापूर्ति वृक्ष की तरह आपकी *इच्छाओं को ईमानदारी से पूर्ण* करता है..!
इसलिए आपको अपने मस्तिष्क में *विचारों को सावधानी से प्रवेश* करने की *अनुमति देनी चाहिए।*
यदि गलत विचार अंदर आ जाएगे तो *गलत परिणाम मिलेंगे। विचारों पर काबू रखना ही अपने जीवन पर काबू* करने का रहस्य है..!
आपके *विचारों से ही* आपका *जीवन* या तो..
स्वर्ग बनता है या नरक..उनकी बदौलत ही आपका जीवन सुखमय या *दुख:मय* बनता है..
विचार जादूगर की तरह होते है , जिन्हें बदलकर आप अपना जीवन बदल सकते है..!
इसलिये सदा सकारात्मक सोच रखें ..
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