#स्वदेशीसंदेश
अपने देश की राष्ट्रीय प्रभुसत्ता को इस समय राजनैतिक अथवा सेनिकआक्रमण से भी अधिक गंभीर खतरा विदेशी पूंजी के बढ़ते हुए विस्तार और उसको पिछलग्गू बनी भारतीय एकाधिकारवादी पूँजी से है। अपनी पूँजी और उन्नत तकनीक के आधार पर विदेशी लोग अपने आर्थिक साम्राज्य के विस्तार की प्रक्रिया में लगे हए हैं और दुर्भाग्यवश हमारे बहुत से राजनेता उनके हाथों बिक चुके हैं । अत: अपने देश के सम्मुख इस समय सबसे प्रमुख समस्या विदेशी आर्थिक प्रभुत्व सम्बन्धित आक्रमण का प्रतिकार करने की है । स्वाधीनता की दूसरी लड़ाई या विदेशी आर्थिक साम्राज्यवाद के विरुद्ध युद्ध करना ही प्रत्येक देशभक्त का अब राष्ट्रीय कर्तव्य बन गया है ।
दत्तोपंत ठेंगड़ी
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