दश भक्त जापानी

जापान के एक छोटे से


शहर की एक जूता बनाने वाली कम्पनी में एक बार वहाँ के कर्मचारी अपनी कम्पनी के मालिक से किसी बात पर नाराज हो गए और उन्होंने मालिक के खिलाफ हड़ताल करने का निश्चय किया, जापान एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ का एक-एक व्यक्ति इस बात का बहुत ध्यान रखता है कि उसकी वजह से देश को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान न हो, वो पूरी दुनिया में अपनी टेक्नोलोजी और अपनी देशभक्ति के लिए जाने जाते हैं, चाहे वह कितने भी नाराज हों पर कभी कोई ऐसा काम नहीं करते जिससे उनके देश को जरा सा भी नुकसान पहुचे, अब कम्पनी के कर्मचारियों ने यह निर्णय लिया कि जब तक कंपनी का मालिक उनकी बात नहीं मान लेता वह हड़ताल पर रहेंगे, लेकिन साथ ही मेहनती और देश के प्रति उनकी वफादार होने की वजह से वह खाली भी नहीं बैठ सकते थे तो उन्होंने निर्णय लिया की जबतक हड़ताल है वह कंपनी में केवल जूते के जोड़े के एक तरफ का जूता ही बनाएंगे, तो उन्होंने सिर्फ दाएं पैर का जूता बनाना शुरू कर दिया कंपनी में हड़ताल चलने के बावजूद कार्य चल रहा था और साथ ही मालिक का व्यापार रुक गया था तो इस प्रकार वो सब खाली भी नहीं थे और मालिक को अपनी शक्ति का अहसास भी करा रहे थे अंततः मालिक को अपने कर्मचारियों की बात माननी पड़ी और उसी वक्त बिना किसी देर के जूतो का दूसरा हिस्सा भी बनना शुरू हो गया ।


हम हमेशा यह तुलना करते हैं कि जापान हमसे अधिक टेक्नोलोजी में आगे है, अमेरिका का डॉलर हमसे ज्यादा मजबूत है, रूस हमसे ज्यादा शक्तिशाली है, चीन का सामान हमारे देश में अधिक मिलता है, पर हम उनके लोगों की देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने की कोशिश नहीं करते, हम सिर्फ अपने अधिकारों की बात करते हैं पर जब बात अपने कर्तव्यों की आती है तो वो सिर्फ सरकार के होते हैं ।


देश हमारा है
अधिकार हमारा है
तो जिम्मेदारी भी हमारी ही है


जय हिंद जय भारत


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