#स्वदेशीसंदेश
बाड़मेर. जिस राष्ट्र की आर्थिक स्थिति संपन्न होती है, वही विश्व में अग्रणी होता है। भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है। देश के किसान, मजदूर एवं आमजन अपने लगन एवं मेहनत से राष्ट्र उत्थान में लगा हुए हैं। देश के उद्योगों एवं छोटे व्यावसायियों को देश की वर्तमान आर्थिक नीति से फायदा हो रहा है। यह बात स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख सतीश कुमार ने बुधवार को दत्तोपंथ ठेंगड़ी जन्म शताब्दी कार्यक्रम को लेकर जिला स्तरीय उद्घाटन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में कही।
स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक समुंद्रसिंह फोगेरा ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय किसान संघ एवं मजदूर संघ सरीखे संगठनों के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी की जन्म शताब्दी को लेकर यह आयोजन हो रहा है।
कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक रिखबदास ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी भविष्यदृष्टा थे, उन्होंने भाप लिया था कि विदेशी कम्पनियां देश को खोखला कर देंगी और हम आर्थिक रूप से पिछड़ जाएंगे। उनकी शिक्षा व विचार आज भी प्रासंगिक है।
मुख्य अतिथि स्वदेशी जागरण मंच राजस्थान क्षेत्र संयोजक डॉ. धर्मेंद्र दुबे ने कहा कि वर्तमान में विदेशी ब्रांड के नाम की अंधी दौड़ युवाओं के बीच शुरू हुई है। यह होगा ऐसा दत्तोपंत ने पहले ही महसूस कर लिया था, यही कारण था कि 1992-93 में ही उन्होंने स्वदेशी अपनाने के लिए घर-घर स्वदेशी अपनाने व विदेशी वस्तुओं की सूचियां बंटवाने का अभियान चालू किया था। उसका ही परिणाम है कि आज स्वदेशी उद्योग धंधे बचे हुए हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संगठन मंत्री भवानीशंकर शर्मा ने कहा कि युवाओं में देश प्रेम एवं राष्ट्रभक्ति को प्रकट करने के लिए स्वदेशी सशक्त माध्यम है।
स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय कृषि प्रकोष्ठ प्रमुख भागीरथ चौधरी, भारतीय किसान संघ के जोधपुर प्रांत अध्यक्ष दलाराम चौधरी ने भी सम्बोधित किया।
स्वदेशी जागरण मंच के बाड़मेर विभाग संयोजक डॉ. महेशचंद्र श्रीमाली ने संचालन करते हुए दत्तोपंथ ठेगड़ी की जीवनी पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बाड़मेर के विभाग प्रचारक राजेश, भारतीय किसान संघ के दुर्गाराम, जगदीश बाना, लिखमाराम, अमृत लाल, अंबालाल जोशी, राजेश कड़वासरा, मनोहर लाल शर्मा, रामकुमार जोशी, एबीवीपी जिला संयोजक भोम सिंह, विजेंद्र गोदारा, दिलीप तिवारी, भोमङ्क्षसह बलाई आदि उपस्थित रहे।
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