- चिंतन !!!!!!भारत के भविष्य का
दिल्ली चुनाव के रिजल्ट देखकर मेरे मन में कुछ सवाल आए
१):- क्या देश की जनता राज्यों में भाजपा/कांग्रेस को छोड़कर तीसरा विकल्प पर ज्यादा भरोसा करने लगी ?
२):-क्या मा0 नरेंद्र मोदी जी जिस तरह देश के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान करके रात दिन मेहनत में लगे हैं, सभी राज्यों में ठीक से मोदी जी की नीतियां/योजनाएं जन जन तक पहुंच नही पा रही हैं ? या राज्यों में लागू ही नही हो पा रही है ??
3):-क्या राज्यों में मुखिया के फेस के आधार पर वोट पड़ रहा है कि आखिर जिस पार्टी को सत्ता पर बिठाना है उसका मुखिया कैंसा होना चाहिए?
४):-क्या भाजपा/कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का व्यवहार एवं तालमेल अपने कार्यकर्ताओं और जनता के साथ ठीक नही है ??
५):-क्या देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को ठीक से सम्मान ना मिल पाने की वजह से भाजपा को धीरे धीरे नुकसान पहुंच रहा है ??
६):- राम मन्दिर, धारा 370,तीन तलाक, उज्वला,शौचायल, जनधन,सर्जिकल स्ट्राइक, स्वछता,आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाना,भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना,ये सब असम्भव कार्य मोदी जी के नेतृत्व में हुए हैं,क्या देश की जनता को इन सब जनहित के कार्यों से कोई लेना देना नही है ? उन्हें सिर्फ सब कुछ फ्री जो देगा वह उसी को जनमत देंगे ???
७:- क्या वाकई में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल जी ने जनता से जो वायदे किए उनको पूरा करने में वह सफल रहे ?
८):-क्या राज्यों में बेरोजगार युवाओं की सत्ता परिवर्तन में कोई अहम भूमिका रही ??
९):-क्या स्थानीय जनता अपने चिरपरिचित व्यक्ति को ही अपना जनप्रतिनिधि चुनना पसंद करती है ??
९०)- क्या देश की जनता पढ़े-लिखे युवा नेताओं को अपना जनप्रतिनिधि चुनना चाहती है ??
९९)- क्या अधिकारी वर्ग का पार्टियों को हराने में कोई रोल रहता है ? यानि जिस पार्टी के नेतृत्व से अधिकारी वर्ग खुश नही रहते होंगे वह उस पार्टी की नीतियों और योजनाओं को जनता तक इसलिए ना पहुंचने देते हों कि इससे सीधे लाभ सरकार को मिलेगा !
९२):- क्या चंद जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नही करते ? इसका खामियाजा पूरी पार्टी को भुगतना पड़ता है ??
९३):- क्या देश की सबसे बड़ी पार्टी भारतीय जनता पार्टी और 60 वर्षों तक सत्ता पर काबिज रहने वाली कांग्रेस पार्टी ने टिकिट देते वक्त व्यक्ति के व्यक्तित्व का आंकलन ठीक से नही किया ? अर्थात लोकप्रिय चेहरों को टिकिट ना मिल पाने की वजह से राज्यों में राष्ट्रीय पार्टियों को नुकसान हो रहा है ??ये प्रश्न और इनके उत्तर देश का भविष्य तय करेगे।
(आरती गौड़,लेखिका)
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