गजल रास आती नहीं दुरीयां
यारियां वारियां और क्या।
शादियां वादियां और क्या।।
जिंदगी से मिली हैं हमें।
तल्खियां वल्खियां और क्या।।
फेसबुक वट्सअप खा गई।
लोरियां वोरियां और क्या।।
जिंदगी मौत तक का सफर।
बेड़ियां वेड़ियां और क्या।।
है वफा का बदल अब फकत।
गालियां वालियां और क्या।।
क्या पता कब जला दें चमन।
बिजलियां विजलियां और क्या।।
रास आती नहीं है हमें।
दूरियां वूरियां और क्या।।
आंख से तो हटाओ इन्हें।
जालियां वालियां और क्या।।
रौनकें हैं चमन की सभी।
तितलियां वितलियां और क्या।।
हैं जरूरी घरों के लिए।
खिड़कियां विड़कियां और क्या।।
दर्द जी आप में हैं बहुत।
खामियां वामियां और क्या।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
No comments:
Post a Comment