कविता

कविता  प्रेम


प्रेम शब्द की व्याख्या बड़ी
बड़ा ही है प्रेम का नाम
जिसने प्रेम को अपना लिया
हो गए उसके चारों धाम
प्रेम पहले स्वयं से करो
फिर प्रेम स्वयंभू से करो
स्वयं का स्वयंभू से 
जब मिलन हो जाएगा
अंधकार  समाप्त होकर
ज्ञान का प्रकाश हो जाएगा
सच्चा प्रेम वही कहलायेगा
जिसमे परमात्मा नज़र आएगा।
----श्रीगोपाल नारसन


No comments:

Post a Comment

Featured Post

गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति प्रोफेसर महावीर अग्रवाल का हुआ निधन

हरिद्वार 17 मार्च गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य एवं उपकुलपति व पूर्व कुलसचिव जाने-माने संस्कृत के वैदिक विद्वान...