कविता

जो दिया है प्रभु ने
उसका मान कीजिए
उसके लिए प्रभु का
धन्यवाद कीजिए
हवा, पानी,प्रकाश दिया
उदर को खाद्यान्न दिया
प्रभु रूप में मां मिली
पालक रूप में पिता 
संसार निहारने को चक्षु मिले
प्रेम रस को ह्रदय पटल
मन में प्रभु स्मृति रहे
जीवन पावन अविरल।
---श्रीगोपाल नारसन


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