संत महासभा आई समर्थन में
गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति को आज संत महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं हिंदू महासभा के उपाध्यक्ष राम स्वरूप ब्रह्मचारी जी ने अपना समर्थन दिया ।उन्होंने कहा की गुरुकुल की परंपरा वेदों में वर्णित है और प्रत्येक हिंदू जनमानस को इस परंपरा की रक्षा के लिए आगे आना चाहिए जो लोग इस परंपरा के निर्वहन में बाधक हैं और गुरुकुल की भूमि पर कब्जा करना चाहते हैं उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे ।उन्होंने कहा भारतीय संस्कृति भारतीय संस्कृति की पहचान में गुरुकुल की अहम भूमिका रहती है क्योंकि भारतीय संस्कृति और शिक्षा की पहचान गुरुकुल के ब्रह्मचारीओं केद्वारा ही कराई जा सकती है परंतु उत्तराखंड सरकार में मंत्री मदन कौशिक निजस्वार्थ में इस गुरुकुल के संचालन को ठप करना चाहते हैं और इस की भूमि को खुर्द वक्त करना चाहते हैं ।उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा । क्योंकि हरिद्वार की पहचान गुरुकुल से भी होती है उन्होंने कहा कि संपूर्ण संत संत समाज तन मन धन से गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति का समर्थन करता है और कंधे से कंधा मिलाकर हर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है उन्होंने उन्होंने सरकार से मांग की कि यदि इस प्रकरण को गंभीरता से लिया गया तो पूरे भारत के संत आंदोलन करेंगे और गुरुकुल पर बार- बार कब्जा करने वाले लोगों के घरों पर डेरा डालेंगे l
समिति की ओर से आज आज से ठीक 1 वर्ष पहले के कश्मीर के पुलवामा में शहीद हुए चालीस सीआरपीएफ के जवानों के बलिदान के विषय में कार्यक्रम कर उन्हें नमन किया गया
जिसमें बोलते हुए स्वामी विश्वानंद जी महाराज ने ने बताया कि बलि पशु की और बलिदान वीर करते हैं जिससे देश का गौरव और मस्तक ऊंचा होता है ।हमारी रक्षा के लिए हमारे वीर जवान जो अपनी जान की बाजी लगाकर देश की सीमाओं पर खड़े हैं उनको जितना नमन किया जाए वह कम ही होगा ।
डॉक्टर संदीप विद्यालंकार ने कहा के पुलवामा हमले में राष्ट्र के ऐसे सुगंधित पुष्प बलिदान हो गए हैं ।जिनकी सुगंधी से संपूर्ण भारत सुरभित हो रहा है ।
निशांत आर्य ने कहा इतिहास में उन्हीं की गौरव गाथा लिखी जाती हैं जो देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर देते हैं अपने प्राणों की चिंता ना करते हुए वह राष्ट्र हित सर्वोपरि समझते हैं ऐसे ऐसे वीरों की शहादत वास्तविक रुप से प्रेरणादायक होती है ।
कार्तिक ने कहा भारत माता की जय बोलते बोलते अपने प्राणों को होम कर देना ही भारतीय संस्कृति होती है भारतीय संस्कृति एक ऐसी संस्कृति है जो देश के प्रत्येक नागरिक को मस्तक ऊंचा करने की शिक्षा प्रतिफल देती रहती है ।
आशीष ने कहा भारत में रहने वाले ही लोग भारत को टुकड़े टुकड़े करने की बात कहते हैं यह देश हित नहीं यह राष्ट्रद्रोह होता है और राष्ट्रद्रोह देशभक्ति की श्रेणी में कभी नहीं आ सकता।
ब्रह्मचारी अमरजीत ने कहा कि देश पर उंगलियां यहीं पर रहने वाले कुछ गद्दारों के कारण उठती हैं ऐसे गद्दारों की उंगलियां तोड़नी होंगी ।
अध्यक्षता कर रहे हिसार गुरुकुल के कुलपति स्वामी सुचेतनानंद जी ने कहा भारत की अस्मिता को ठेस पहुंचाने वाले लोग भारतीय नहीं हो सकते पुलवामा के शहीदों का बलिदान भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया जा चुका है जिन की गौरव गाथा लिखने को अंबर भी छोटे पड़ जाते हैं ।आज उन वीरों को नमन करने का दिन है हमें चाहिए कि अपने अन्य कार्य छोड़कर प्राथमिकता के आधार पर हम पुलवामा के शहीदों के साथ अन्य वीर जवानों को भी नमन करें यही तो भारतीय संस्कृति होती होती है ।
संचालन करते हुए अंकितआर्य ने कहा के पुलवामा के बलिदानों का मातृभूमि के प्रति त्याग रमणीय है उन्होंने सरकार से मांग की प्रत्येक जिले के मुख्यालय पर शहीद स्मारक हो जिससे लोग प्रेरणा पा सके और शहीदों की शहादत को नमन कर सकें उन्होंने यह भी मांग की जब तक हम शहीदों की शहादत का सम्मान नहीं करेंगे तब तक भारत को विश्व गुरु नहीं बनाया जा सकता। इसलिए हमें प्राथमिकता के आधार पर शहीदों की कुर्बानी को याद रखना होगा एवं उनके द्वारा दी गई सुरक्षा को प्रतिपल नमन करना होगा यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।
इस दौरान मुख्य रूप से शेर सिंह मेघवाल चौहान राहुल चौहान विवेक चौहान शोभित आर्य शिवम आर्य सागर बालियान संजीव आर्य विनीत आर्य आर्य रक्षक कुमार रोहित आर्य अमन कुमार अतुल सिंह सचिन शास्त्री विजेंद्र चौहान सनी शास्त्री आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे l
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