मोहन पुरा मे श्रद्धा पूर्वक आयोजित की गयी शोभा यात्रा
रूडकी 9 फरवरी ( अनिल लोहानी संवाददाता गोविंद कृपा रूडकी ) को संत शिरोमणि रविदास जी के 643 वी जन्मोत्सव के अवसर पर नगर निगम रुड़की के मोहनपुरा क्षेत्र में एक जुलूस का आयोजन किया गया। इसमें समाज के सभी वर्गों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। संत शिरोमणि रविदास जी 14th सदी के भक्ति योग के महापुरुषों में से एक थे l पेशे से चर्मकार संत शिरोमणि श्री रविदास जी ने अपने पैतृक पेशे को चुना और अपनी आजीविका को धन कमाने का साधन बनाने के बजाय संत सेवा का माध्यम बनाया। उन्होंने अपने दोहे ,पद और अनमोल वचन (विचार) से सभी के आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया। उनके कुछ विचार जो आज भी ना केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को अपनी तरफ प्रभावित करते हैं और वसुदेव कुटुंबकम की दिशा में ले जाते हैं।
भगवान उसके हृदय में निवास करता है जिसके मन में किसी के प्रति भेदभाव नहीं है। लालच व द्वेष नहीं है।
व्यक्ति अपने कर्म से ऊंचा होता है। जन्म से नहीं।
हमें अपना कर्म करना चाहिए फल की आशा भी नहीं छोड़नी चाहिए। क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा भाग्य है।
कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित लोग उपस्थित रहे। पार्षद प्रमोद पाल मयंक पार्क,सत्यप्रकाश प्रधान ,मुकेश पाल अनिल कुमार लोहानी राजेंद्र पाल संजय पाल श्रीकांत विजेंद्र जी विकास पाल, रामकुमार लोमश ऋषि धर्मेंद्र देवराज पाल, बृजपाल मदनपाल चंदन, किशनपाल चंद्रपाल, मोतीराम वीर सिंह लोकेश बाबू राम गोपाल राजकुमार अमित देव आनंद देवराज राजू फर्नीचर बाबूराम शर्मा इंदर सिंह राणा प्रदीप पाल विकास पाल, इनु गोयल।
No comments:
Post a Comment