स्वदेशी

#स्वदेशीसंदेश
....ऊंची उड़ान की और भारत!
कल आए अमेरिका के राष्ट्रपति के हो रहे, भव्य कार्यक्रमों से एक बात स्पष्ट है, भारत अब ऊंची उड़ान का इच्छुक है।
 सबसे समृद्ध और शक्तिशाली देश के साथ बराबरी के स्तर पर संबंध विकसित करना,5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी स्वप्न आदि... छोटी बातें नहीं हैं। जिनके स्वप्न ही नहीं होते, तो वो बनेंगे क्या?
 किंतु अमेरिका के साथ दोस्ती में कई खतरे भी हैं।क्योंकि अमेरिकी,व्यापार के मामले में बहुत चतुर रहते हैं। पर हां! भारत में भी कहावत है "शिकार करो, तो शेर का ही करो..." इसलिए अगर आर्थिक दंगल में उतरना है ही तो सबसे बड़े पहलवान से ही हाथ मिलाओ।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार हो गया है(चीन दूसरे नंबर पर चला गया है)। और बड़ी बात यह है कि जहां हम चीन से व्यापार घाटा खा रहे हैं,वही हम अमेरिका से 28 अरब डालर वार्षिक लाभ कमा रहे हैं।
अमेरिका जैसी महाशक्ति व चतुर बिजनेसमैन से डरने नहीं, बल्कि उससे सीखने व आंख से आंख मिलाकर बराबरी(win win) वाले व्यापारिक समझौते करते हुए देश को आर्थिक समृद्धि और पूर्ण रोजगार की तरफ ले जाने के लक्ष्य को साधना होगा।
भारत इस समय ऐसी ही सोच में है। दुनिया में सर्वाधिक बैंक खाते, सर्वाधिक मोबाइल डाटा यूजर, सर्वाधिक ऊंची मूर्ति...ये प्रतीक हैं, कि भारत,दुनिया में सबसे ऊंचा व महान होने की महत्वाकांक्षा पाले हुए है।~ सतीश कुमार


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