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शाबाश! चीन से अपने 647 नागरिकों को निकाल लाने के लिए,एयर इंडिया,डॉक्टरों की टीम व विदेश मंत्रालय का


अभिनंदन!


चीन में फैले कैराना वायरस में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए जो बहादुरी एयर इंडिया के पायलटों व अन्य क्रू मेंबर, डॉक्टरों व विदेश मंत्रालय ने दिखाई वह बहुत ही शानदार व गर्व करने लायक है।
 जैसे ही यह खबर फैली कि चीन के हुबेई प्रांत में विशेषकर वुहान शहर में कैरोना की महामारी फैल गई है,तो तुरंत भारत सरकार सक्रिय हुई, एयर इंडिया के दो विमान भेजे गए।
 बड़ा कठिन काम था। वुहान में 720 के लगभग हमारे विद्यार्थी व अन्य लोग रहते हैं।किंतु वे कहां-कहां हैं,यह पता नहीं था। फिर महामारी फैलने कारण से सब घर में बंद थे। चीन ने लॉक डाउन कर दिया था। किसी को भी उधर जाने की मनाही थी। शहर में सन्नाटा था। कम्युनिस्ट चीन में सब कुछ वैसे भी रहस्यमई होता है।
ऐसे में चीन के भारतीय दूतावास ने तुरंत युद्ध स्तर पर सभी का डाटा (फोन नंबर,ईमेल) एकत्रित किया। फिर अति उच्च स्तर पर बातचीत कर 30 डॉक्टरों की टीम को लेकर एयर इंडिया का दल(दो बड़े विमान) वुहान प्रांत के बाहर उतरा। रास्ते बंद थे,सड़कें खोद दी गई थीं। विशेष रूप से वहां पर कुछ बसों व वाहनों की परमिशन ली गई। अत्यंत सावधानी पूर्वक,कुछ-कुछ जगह पर फोन,मेल के माध्यम से भारतीय छात्रों को इकट्ठा किया गया। फिर सब का चेकअप होना था। स्थानीय प्रशासन केवल ऊपर के आर्डर से ही चल रहा था।
लगभग फिल्मी अंदाज में 324 नागरिक 31 जनवरी को व 323 1 फरवरी को, सात मलेशियाई छात्रों सहित,उड़ा कर ले आए।
धन्य हैं वे बहादुर डॉक्टर, हवाई जहाज के कर्मचारी व विदेश व स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी, जिन्होंने सफलतापूर्वक इस काम को अंजाम दिया।नरेंद्र मोदी जी ने भी उनकी प्रशंसा में पत्र लिखा है।
आप भी नीचे जयहिंद या वंदेमातरम लिख उनका अभिवादन कर सकते हैं।
  ~सतीश कुमार


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