मोदी जी की समझदारी भरी अपील
9से 12 घंटे ही जीवित रहता हूँ वायरस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया और शुरू हो गई भक्तों और विरोधियों के बीच तलवारबाजी। जहां विरोधी इस बात को लेकर मोदी जी की आलोचना कर रहे हैं कि उन्होंने कोरोना से निपटने की कोई विशेष और ठोस योजना शेयर नहीं की बल्कि एक दिन के कर्फ़्यू के साथ ख़ाली थाली पीटने को कहा है, वहीं भक्तगण इस नारे के साथ मैदान में उतरे हैं कि हम जनता कर्फ़्यू के साथ हैं, हम मोदी जी का समर्थन करते हैं। दरअसल विरोध करने वाले भी यह कसम खा कर बैठे हैं कि हर हाल में मोदी का विरोध करना है और भक्तगणों ने भी यह प्रतिज्ञा ली हुई है कि बिना देर किए हर फैसले के बाद आई सपोर्ट मोदी हैशटैग के साथ बमबारी शुरू कर देनी है। विरोधी तो मोदी जी की सत्ता उखाड़ने की चाहत रखते ही हैं, भक्तगण भी मोदी के लिए कम सिरदर्द नहीं हैं। विरोधियों के आरोप पर तार्किक जवाब देने के बजाय थेथरई उनका प्रिय शगल है। अरे, बढ़िया से जवाब दो न ताकि विरोधियों की बोलती बंद कर सको।
एक दिन के कर्फ़्यू से क्या हो जाएगा? इस सवाल पर यह जवाब देना चाहिए -
कोरोना वायरस किसी सतह पर लगभग 9 से 12 घंटे जीवित रहता है। मोदी जी ने देश की जनता से एक दिन के कर्फ़्यू की अपील की है। कर्फ्यू का समय सुबह 7 से रात 9 बजे तक होगा। मतलब 14 घंटे। साथ रात होने के कारण भी दूसरे दिन सुबह तक एक तरह कर्फ़्यू की ही स्थिति रहेगी। यानी मोटे तौर पे 24 घंटे अर्थात ये 24 घंटे लोग घरों में रहेंगे तो वायरस कांटेक्ट खत्म हो जाएगा और सोशल ट्रांसमिशन का खतरा बहुत कम हो जाएगा।
है न यह बुद्धिमानी का निर्णय। और ऐसा दूरदर्शी फैसला मोदी जी ने लिया है, तो सारी स्थितियों को समझ कर ही लिया होगा। बाकी भाषण में उन्होंने अन्य शंकाओं और उसके लिए सरकार तैयार है, यह बात कही ही है। सारी प्लैनिंग क्या भाषण में बताते। हर बात की खाल नहीं उतारनी चाहिए। विरोधियों को सबक। और भक्तगणों को सलाह, समर्थक बनो किसी का तो स्मार्ट भी बनो।
भारत माता की जय समझदार भारतीय बने, विरोध के लिए विरोध ठीक नहीं ।।
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