चतुर्वेद पारायण महायज्ञ


*वेद का पढ़ना पढ़ाना सभी का धर्म*
गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर में गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रहे चतुर्वेद पारायण महायज्ञ में मुख्य यजमान गुरुकुल के ब्रह्मचारी रहे। यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी *विश्वानंद सरस्वती*ने वेदों की महिमा पर प्रकाश  डालते हुए कहा कि वेद सब सत्य विद्याओं की पुस्तकें हैं ,और वेद का पढ़ना पढ़ाना और सुनना सुनाना सभी श्रेष्ठ पुरुषों का परम धर्म है।वेदों में हमारे जीवन जीने की कला बताई गई है। इसलिए हमें भी वेदों के मार्ग पर चलकर अपने जीवन को उन्नति की ओरअग्रसर करने में तत्पर रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि वेद मानवीय जीवन के संविधान हैं ,जो व्यक्ति वेद रूपी संविधान का पालन करता है वह जीवन में हमेशा खुश और सुखी रहता है ।
वेद पाठ अंकुर आर्य द्वारा किया गया।
इस दौरान मुख्य रूप से समिति के प्रवक्ता स्वामी सुचेतनानंद सरस्वती,स्वामी यज्ञमुनि  संयोजक,आर्य विजय पाल मंत्री ,स्वामी अग्निवेश,बलवंत सिंह चौहान मुख्य अधिष्ठाता, सन्नी शास्त्री, वीर प्रभाकर सोममुनि अम्रतानंद ,नितिन चौहान आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।


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