महायज्ञ


  • यज्ञ हमारी वैदिक परम्परा हैं :-स्वामी यतीश्वरा नंद 
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    हरिद्वार 7 मार्च गुरूकुल

  • बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रहे गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर में चतुर्वेद महापारायण यज्ञ में आज मुख्य यजमान स्वामी यतीशवरानंद( बिधायक हरिद्वार  ग्रामीण) रहे।यज्ञ के पश्चात उन्होंने कहा कि हमारी  वैदिक परंपरा है, जिसे करना प्रत्येक मानव का कर्तव्य है । यज्ञ के करने से वातावरण सुगंधित एवं सुरभित होता है साथ ही मनुष्य का स्वास्थ्य उत्तम रहता है इसलिए हमें प्राथमिकता के आधार पर अपने दैनिक जीवन में प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए ।आगे  कहा कि यज्ञ करने की परंपरा मुख्य रूप से गुरुकुलो में सिखाई जाती है गुरुकुल के प्रत्येक विद्यार्थी यहां प्रतिदिन दोनों समय यज्ञ करते हैं । जिससे वह शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं ।उन्होंने आव्हान करते हुए कहा कि इस चतुर्वेद महाप्राण है में अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित होकर धर्म लाभ उठाएं । यज्ञ के माध्यम से ही व्यक्ति के व्यक्तित्व का कल्याण होता है यह एक सरल मार्ग है जिससे व्यक्ति समाज में अपना कीर्तिमान स्थापित करता है यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी विश्वानंद सरस्वती ने कहा कि जो लोग यज्ञ नहीं करते वह अभागे होते हैं यज्ञ करने से व्यक्ति को परिपूर्ण धन संपदा एवं खुशाली मिलती है इसके करने से दान,सेवा,पूजा,और संगति करण का भाव जागृत होता है । 
    इस दौरान मुख्य रूप से स्वामी सुबोध भक्षु,  जगत मुनि  महिपाल सिंह यादव ,राममुनि स्वामी अमला नंद सरस्वती, स्वामी विजयदेव ,लीलाधर कर्म योगी,उदयमुनि,श्याममुनि,चौधरी जगपाल सिंह,शांतमुनि, सुखदेव सिंह,अंकित चौहान आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे ।


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