महायज्ञ


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*अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करो*
गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर में गुरुकुल बचाओ संघर्ष समिति के तत्वाधान में चल रह चतुर्वेद पारायण महायज्ञ में प्रात:काल के मुख्य यजमान आर्य विजयपाल सपत्नीक रहे। और सायं काल के यज्ञमान जे.पी.अग्रवाल रहे। यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी *विश्वानंद सरस्वती* ने कहा कि अविद्या का नाश और विद्या की वृद्धि करनी चाहिए।और यह वृद्धि तभी हो सकती है,जब व्यक्ति एक ईश्वर को मानें। वेदों में भी विद्या को बढ़ाने के अनेकों उपाय बताये गए हैं।जिनके करने से कठिन से कठिन विद्या बडी सरलता से प्राप्त हो जाती है।
दानवीर श्री *जे.पी.अग्रवाल* ने कहा कि वेद ईश्वर की अनुपम भेंट हैं जिनमें बिना किसी भेदभाव के कल्याण की कामना का मार्ग बताया गया है। उन्होंने कहा कि वेद मनुष्य बनने का आदेश देता है। इसलिए हमको चाहिये कि हम कोई भी कार्य वेदो के विपरीत न करें। 
इस दौरान स्वामी यज्ञमुनि,अमरजीत विद्यार्थी, ध्रुव आर्य, आर्य महेश कुमार , आर्य सचिन, रविकांत चौहान, अमन आर्य, स्वामी विजय देव नेष्ठिक, जगत मुनि, सुबोध भिक्षु, राम मुनि, अग्निवेश आदि उपस्थित रहे।


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