*सपा के कद्दावर नेता बेनी प्रसाद वर्मा का निधन।
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*केन्द्र व प्रदेश में कई वर्षों तक रहे मन्त्री
*06 बार विधायक 05 बार निर्वाचित हुवे सांसद
*वर्तमान में सपा कोटे से थे राज्यसभा सांसद
मुलायम सिंह के विश्वास पात्र, अपनी कार्य शैली से समाज़ के हर वर्ग के दिलों पर हुक्मरानी करने वाले सपा के कद्दावर नेता और राज्यसभा सांसद बेनी प्रसाद वर्मा का आज लम्बी बीमारी के चलते लखनऊ स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार के दौरान शाम 7:30 बजे निधन हो गया । उनकी आयू लगभग 82 वर्ष थी बेनी प्रसाद वर्मा जिन्हें प्यार से लोग बाबू जी कहकर सम्बोधित करते थे उनके निधन का समाचार फैलते ही बाराबंकी बहराइच और गोण्डा समेत पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।
1911 में बहराइच जनपद के थाना खेरी घाट क्षेत्र के ग्राम मटेरा कलां में अपनी मां के ननिहाल में पैदा हुवे बेनी प्रसाद वर्मा पेशे से शिक्षक थे बाद में उन्होंने एल एल बी कर कुछ दिनों तक वकालत भी की वह सपा सुप्रीमो पूर्व मुख्यमन्त्री मुलायम सिंह यादव के घनिष्ठ साथियों में थे वह केन्द्र में संचार, इस्पात व खान मंत्रालय में मन्त्री रहने के साथ ही उत्तर प्रदेश में जेल , गन्ना, आबकारी ,पी डब्लू डी और संसदीय कार्य मन्त्री के रूप में कई वर्षों तक कार्य करते रहे।
बेनी बाबू ने अपनी राजनीति का आगाज़ गन्ना किसानो की समस्याओं को लेकर किया वह बुढ़वल केन सोसायटी के उपाध्यक्ष चुने गये सोशलिस्ट लीडर स्व0 राम सेवक यादव ने उन्हें सबसे पहले 1974 में बाराबंकी की दरियाबाद विधान सभा से चुनाव लड़ने का अवसर दिया और भारी मतों से विजयी हुवे।जनता पार्टी के गठन पर पूर्व प्रधानमन्त्री स्व0 चौधरी चरण सिंह ने उन्हें दोबारा 1977 में मसौली विधान सभा से कांग्रेस लीडर मोहिसना किदवाई के मुकाबले चुनाव लड़ने का अवसर दिया और वह वहां से भी विजयी रहे 1980 के चुनाव में प्राजित होने के बाद 1985 से लेकर 1993 तक लगातार मसौली विधान सभा से विधायक निर्वाचित होते रहे।और प्रदेशकी सपा सरकार में विभिन्न विभागों के मन्त्री के रूप में कार्य करते हुवे बाराबंकी व प्रदेश में बड़े पैमाने पर विकास कार्यों को अंजाम दिया जिस कारण लोगों ने उन्हें विकास पुरुष कहना शुरू कर दिया बाबू जी अपने बोल बचन के कारण प्रदेश की राजनीति में हमेशा सुर्ख़ियों में रहे 1996 में प्रदेश की राजनीति से निकलकर वह कैसर गंज लोक सभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी के रूप में पार्लियामेन्ट चुनाव लड़े और भारी मतों से विजयी हुवे बेनी बाबू लगातार 98,99,2004 तक चार बार लोकसभा में कैसर गंज का प्रतिनिधित्व करते रहे ।सपा नेता मुलायम सिंह से कुछ मन मिटाव होने के कारण वह 2009 में गोण्डा लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और शानदार कामयाबी हासिल की बाबू जी ने एस के डी नाम से एक नई पार्टी भी बनाई मगर उन्हें जनता का ज्यादा समर्थन नही मिला और वह पुनः समाज वादी पार्टी में शामिल हो गये और उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सदस्य निर्वाचित हुवे।
बाराबंकी जनपद के ग्राम सिरोली गौस पुर निवासी बेनी बाबू की पिछड़े समाज और मुस्लिम समाज में गहरी पैठ थी वह कुर्मी समाज के निर्विवाद लीडर थे लोग उनका बड़ा आदर करते थे वह अपने समर्थकों का विशेष ध्यान रखते थे और बराबर उनके सम्पर्क में बने रहते थे। उनके बारे में एक बात मशहूर थी कि क्षेत्र से कोई व्यति काम कराने के लिये उनसे मिलने पहुंचा प्यार से अगर उन्होंने उसे डांट दिया तो उसका काम जरूर हो जाता था।वह जिस गांव की पगडंडियों से चलकर राजनीति के शिखर पर पहुंचे उन्होंने अपने उस गांव सिरोली गौसपुर को ब्लाक तहसील अस्पताल सड़कें स्कूल सब कुछ देने का काम किया। वह एक जमीनी नेता थे शायद यही कारण है कि वह अपनी अंतिम सांसों तक लोगों के दिलों पर हुक्मरानी करते रहे वह सपा के एक मजबूत स्तम्भ थे उनके निधन से सपा नेताओं कार्यकर्ताओं को गहरा धचका पहुंचा है।जन नायक को श्रद्धांजलि।
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