गजल होली की शुभ कामनाऐ
जी भर के चल प्यार करें हम होली में।
रंगों की बौछार करें हम होली में।।
रोज झगड़ते ही रहते हैं हम दोनों।
इक दिन तो अब प्यार करें हम होली में।।
ईद दिवाली साथ मनाते आए हैं।
नाहक क्यों तकरार करें हम होली में।।
गोली नफरत हिंसा मक्कारी कब तक।
गुझिया का व्यापार करें हम होली में।।
जिसकी खातिर जान गंवाई बापू ने।
सपना वो साकार करें हम होली में।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
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