पतित से पावन

कविता


युद्ध में कभी कोई 
जीत नही सकता
प्रेम में कभी कोई 
हार नही सकता
हिंसा सुख नही देती
अहिंसा दुख नही देती
व्यर्थ समर्थ नही बनाता
समर्थ को अहंकार नही भाता
क्रोध स्वयं को जलाता है
काम पतित बनाता है
आओ पतित से पावन हो जाए
ईश्वरीय याद में हम खो जाए।
-----श्रीगोपाल नारसन


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