हमारी समृद्ध धार्मिक परम्पराऐ
क्या आपने कभी विचार किया है कि
प्रत्येक वर्ष रथ यात्रा के ठीक पहले भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमार पड़ते हैं
उन्हें बुखार एवं शर्दी हो जाती है बीमारी की इस हालत में उन्हें Quarantine किया जाता है
जिसे मंदिर की भाषा में अनासार कहा जाता है
भगवान को 14 दिन तक एकांतवास यानी Isolation में रखा जाता है
आपने ठीक पढ़ा है 14 दिन ही Isolation की इस अवधि में भगवान के दर्शन बंद रहते हैं एवं भगवान को जड़ीबूटियों का पानी आहार में दिया जाता है यानी Liquid Diet और यह परंपरा हजारों साल से चली आ रही है
अब बीसवीं सदी में पश्चिमी लोग हमें पढ़ा रहे हैं कि
Isolation & Quarantine का समय 14 दिन होना चाहिए
वो हमें ऐसा पढ़ा सकते हैं क्योंकि
*हम स्वयं सोचते हैं कि हिंदू धर्म अन्धविश्वास से भरा हुआ अवैज्ञानिक धर्म है*
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जो आज हमें पढ़ाया जा रहा है
हमारे पूर्वज हजारों साल पहले से जानते थे
*गर्व करो अपने धर्म पर*
*अपनी सभ्यता पर और अपनी परंपराओं पर*
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