योग महोत्सव

परमार्थ निकेतन में योग महोत्सव 


*ऋषिकेश, 4 मार्च।* परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 73 देशों से आये योग जिज्ञासुओं के लिये महर्षि आश्रम, चैरासी कुटिया में ’ध्यान’ और विश्व शान्ति हेतु ’मौन जप’ का आयोजन किया गया। जिसका ध्येय है कि साधक, ’शोर से दूर होकर शान्ति की ओर लौटे’। यह पवित्र क्षेत्र, शोर के लिये नहीं बल्कि यह तो शान्ति को आत्मसात करने का दिव्य क्षेत्र है।
विश्व विख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी ने मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत प्रस्तुत किया। अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आये प्रतिभागी शिवमणि की हर बीट और ताल और रूना रिज़वी के कमाल के संगीत पर झूम रहे थे और भावविभोर होकर ’’वन्स मोर, वन्स मोर’’ की आवाज लगा रहे थे। तालवादक शिवमणि के ताल पर आज परमार्थ निकेतन का पूरा वातावरण संगीतमय हो गया संगीत के ताल पर सभी थिरकने लगे।


अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के चैथे दिन स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी साध्वी भगवती सरस्वती जी, एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ और न्यू थाॅट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ के ओजस्वी विचारों को आत्मसात करने का अवसर प्राप्त हुआ।


महर्षि आश्रम, चैरासी कुटिया में योगियों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का आशीर्वाद, साध्वी भगवती सरस्वती जी ने ध्यान का अभ्यास कराया, आर्गेनिक इण्डिया के प्रमुख श्री भारत मित्रा और अमेरिकी संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज के मनमोहक संगीत से सभी गदगद हो उठे।


 परमार्थ निकेेेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि ’’ध्यान, विचारों से मुक्त होने की विधा है। जब आप अपने विचारों में उलझे रहते हैं तब तक ध्यान को उपलब्ध नहीं हो सकते। जैसे-जैसे आप विचारों से दूर होते जायगे वैसे-वैसे ध्यान के सागर में उतरने लगेंगे। ध्यान में जाना एक सतत प्रक्रिया है इसके लिये अपने मस्तिष्क में ध्यान के बीज को रोपित करना होगा।
 एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल संेटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ ने कहा कि आप सब महान है और हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन कर सकते हैं। आध्यात्मिक रास्ता सत्य के मार्ग से होकर जाता है, झूठ, दिमाग का एक वायरस है इससे जितना दूर रहा जाये वही बेहतर है। आप सभी योगी प्लानेट का एक समग्र शक्तिशाली पैकेज हैं। अपने आप पर विश्वास कर जीवन में आगे बढ़ते रहें। उन्होने कहा कि शान्ति की खोज कहीं और करने की जरूरत नहीं है शान्ति हो प्रत्येक क्षण हमारे पास होती है।
 साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में भक्तियोग, ज्ञानयोग और कर्मयोग की सुन्दर व्याख्या है।  भक्तियोग अर्थात ’’लव आॅफ डिवोशन’’ और योग तो एक दिव्य सम्बंध है; डिवाइन कनेक्शन है। उन्होने कहा कि प्रेम में कोई अनुबंध नहीं होता प्रेम तो बिना शर्त के होता है। प्रेम वह है जो माँ गंगा, भगवान कृष्ण और राधा जी का है जो केवल देना जानता है। योगमय जीवन हमेें प्रेम करना सिखाता हैं। योग ही प्रेम है। योग सभी को प्रेम के सूत्र में बांधता है।


अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के चैथे दिन योग और ध्यान के विशेष अभ्यास सत्र प्रातःकाल योगाचार्य गुरूशब्द सिंह खालसा द्वारा कुन्डलिनी योग, योगाचार्य इंदु शर्मा द्वारा परम्परागत हठ योग, मर्ट गुलर सूफी लव मेडिटेशन, कैटी बी हैप्पी द्वारा लर्निंग टू फ्लाई इन बैलेंस, अमेरिकी योगाचार्य एवं संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज द्वारा सूर्य उदय नाद योग साधना, योगाचार्य दाना फ्लिन द्वारा सोल स्वेट, योगीराज विश्वकेतु द्वारा इनर रीप्रोग्रामिंग, योगाचार्य संदीप देसाई द्वारा मेडिटेशन इन मोशन, लंदन से आये योगाचार्य स्टीवर्ट गिलक्रिस्ट द्वारा आधुनिक संदर्भ में राग, योगाचार्य जय हरि सिंह द्वारा अपने डर का सामना कैसे करें, योगाचार्य आनन्द मेहरोत्रा द्वारा शिव का अवतार, गुरूमुख कौर खालसा जी द्वारा उच्चस्तरीय ध्यान, स्वामी उत्तमानन्द जी द्वारा शिव सिद्धान्त: रहस्यमय मंत्र और ध्यान, माँ ज्ञान सुवेरा जी द्वारा रैकी लेवल 1, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन द्वारा ए फायर साइट चैट, डाॅ जी एस गुप्ता द्वारा रिलैक्स सिद्वान्त, योगाचार्य सीना शर्मन द्वारा रसा योग: जहर को अमृत में परिवर्तित करना, डाॅ ईडेन गोल्डमैन द्वारा बेसिक योग, नृत्यावली ग्रुप द्वारा भारतीय क्लासिकल ड्रांस वर्कशाप, सांयकालीन संगीत कलामंच में ’द की लव’ गु्रप द्वारा मंत्र उच्चारण, कीर्तनियों द्वारा ’हार्ट ओपन’ कीर्तन और इज़रायल से आये विख्यात संगीतज्ञ गिल रान शामा द्वारा हिब्रु और हिन्दी भाषा में विशेष प्रस्तुति।


विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 73 से अधिक देशों के 1415 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हैं।


अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
विश्व के अनेक देशों से आये योगियों के लिये परमार्थ गंगा आरती सबसे प्रसन्नता देने वाला क्षण होता है जहां पर वे विश्व शान्ति हेतु हवन, कीर्तन और माँ गंगा की दिव्य आरती में मग्न रहते है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने पर्यावरण का प्रतीक रूद्राक्ष पौधा सभी विशिष्ट अतिथियों को भेंट किया।
योग महोत्सव में आये सभी साधकों ने विश्व विख्यात माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का रूद्राक्ष का पौधा देकर अभिनन्दन किया।
परमार्थ का विविध कलाओं से समृद्ध साप्ताहिक मंच
इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आध्यात्मिक व्याख्यान श्रृंखला में विश्व प्रसिद्ध विभूतियाँ श्री श्री रविशंकर जी, योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज, स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, डाॅ प्रणव पण्ड्या जी, आचार्य बालकृष्ण जी, गौर गोपाल दास जी अन्य दिव्य आत्माओं का पावन सान्निध्य।
विश्व विख्यात सूफी गायक, कैलास खेर अपने कैलाशा बैंड के साथ प्रेरणादायक संगीत प्रस्तुत करेंगे। प्रख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी, मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत प्रस्तुत करेंगे, ’प्रेम से परमानंद की यात्रा’ कीर्तनियों का आत्मा को छूने वाला कीर्तन, इज़रायल से विशेष रूप से आये संगीतकार गिल राॅन शामा का हिब्रु और हिन्दी भाषा के सम्मिश्रण वाला अद्भुत संगीत साथ ही अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगीतकारों और कलाकारों से सुशोभित होगा परमार्थ निकेतन कलामंच।
द वर्ल्ड आॅफ़ कल्चरल यूनियन: ए इवनिंग आॅफ़ कल्चरल साॅग, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा डांस एंड थिएटर परफाॅरमेंस, सूफी डांस मर्ट गुलर की टीम के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।
योग की कक्षायें प्रातः 4:00 बजे से रात 9:30 बजे तक सम्पन्न हो रही, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, अयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, कर्मयोग, गंगा योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, सांउड हीलिंग, रेकी, दर्शन, होम्योपैथी चिकित्सा तथा अनेक कार्यशालायें, नाटक प्रदर्शन, व्याख्यान, प्रवचन तथा इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोŸारी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में किया जा रहा है।
प्राचीन भारतीय दर्शन, वेदान्त, मानव सशक्तिकरण, प्रेरक नृत्य, संगीत, तनाव नियंत्रण कार्यशाला, आहार विशेषज्ञ के साथ चर्चा जैसे अनेक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
31 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में देशों के योगियों की सहभागिता -  भारत, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, पोलैंड, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, स्वीडन, हांगकाग, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाईन, सिंगापुर, ताईबान, बैंकाक, नामीबिया, इक्वाडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, आॅस्ट्रिया, क्यूबा, चिले, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका आदि विश्व के विभिन्न देेशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।
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