अपने स्वार्थो की सिद्धि के लिए बनी थी काँग्रेस
एंटोनियो माइनो उर्फ सोनिया गाँधी उसी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष है जिसकी स्थापना ए ओ ह्यूम (एक सेवानिवृत्त ब्रिटिश अधिकारी) ने ब्रिटिश साम्राज्य और भारतीयों के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए की थी... बाद में नेहरू के नेतृत्व को तव्वजो दे अंग्रेज़ो ने उसे कांग्रेस के प्रमुख नेताओं और निर्णायक में विकसित करा, कांग्रेस से अपने मनचाहा निर्णय करवाये, जिनमे प्रमुख थे:-
1) सुभाष चन्द्र बोस का विरोध
2) भगत सिंह व साथियो की फांसी का विरोध न करना
3) द्वितीय विश्व युद्ध मे भारतीय सैनिकों को अंग्रेज़ सेना के समर्थन में युद्ध करने को विवश करना
4) गाँधी जी के काफी आंदोलनों को बीच मे ही रोक देना
5) सरदार पटेल को भारत का प्रधानमंत्री न बनने देना
कांग्रेस की स्थापना ही विदेशियों द्वारा की गई, और ए ओ ह्यूम ने कांग्रेस की स्थापना सिर्फ इसीलिए की थी कि जबतक भारत मे अंग्रेज़ी हुकूमत है तबतक कांग्रेस का काम अंग्रेज़ो व जनता के मध्य समन्वय स्थापित करना होगा और अगर अंग्रेज़ी हकूमत भारत मे भौतिक सत्ता न रख सके तो कांग्रेस के माध्यम से हम भारत पर वैचारिक शासन तो कर ही सकते है...
या कुल मिलाकर अगर कम शब्दों में कहना हो तो हम कह सकते है कि " कांग्रेस पार्टी अंग्रेज़ो की नाजायज औलाद है..."
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