स्कूलों द्वारा चलायी जा रही ऑनलाइन क्लासेज की वजह से बच्चों की आंखों एवं स्वास्थ पर पड़ रहा है बुरा असर।*
(गगन नामदेव)
आजकल सभी स्कूलों में ऑनलाइन क्लासेज चलायी जा रही है जिन्हें 1 से लेकर 12वी तक के बच्चे सुबह से अपने माता पिता अथवा अपने मोबाइल फ़ोन के माध्यम से *प्रतिदिन 2 से 4 घंटे लगातार अटेंड कर रहे है तत्पश्चात शाम को पुनः वह बच्चे 1 से 2 घंटे अपना होमवर्क यूट्यूब , व्हाट्सएप एवं अन्य साइट्स के माध्यम से कर रहे है।*
प्रथम दृष्टया ये तो बहुत उत्तम लगता है परंतु कुछ दिनों के लिए,
*पूर्व में जैसा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा, विभिन्न डॉक्टर्स के द्वारा, सायकोलॉजिस्ट के द्वारा एवं सबसे महत्वपूर्ण आंखों के डॉक्टर के द्वारा ये बार बार बताया गया है कि मोबाइल का अत्यधिक उपयोग आंखों के लिए कितना हानिकारक है ।*
परंतु विद्यालयों के द्वारा शायद फीस अथवा आपसी कॉम्पटीशन की वजह से और सरकार के समर्थन एवं उत्साहवर्धन से ऑनलाइन क्लासेज पे पूरी तरह से जोर दिया जा रहा है।
Lockdown की शुरुआत में कुछ दिनों तक तो ये बहुत अच्छा लगा परंतु अब इसके दुष्प्रभाव आना शुरू हो गया है अब बच्चों को आँखों में दर्द की शिकायत , आंखों से पानी आना एवं चिड़चिड़ापन शुरू हो गया है। *और ये समस्या अन्य बच्चों के समक्ष बहुत ही व्यापक स्तर पर आने वाली है समय रहते इस समस्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है क्योंकि इस 2-3 माह की छुट्टी में अगर बच्चे ने अगर पढ़ाई नही की या कम की तो उसके भविष्य पे कोई भी असर नही पड़ेगा , परंतु अगर उसकी आंखें यदि खराब हो जाती है कोई और मानसिक अथवा स्वास्थ संबंधी समस्याएं शुरू हो जाती है तो ऐसी पढ़ाई किस काम की।*
वैसे भी किसी भी विद्यालय की ऑनलाइन कक्षा में औसतन अधिकतम 50-60% से ज्यादा बच्चों उपस्थिति नही है *तो बाकी के बच्चे जो अभी किसी तकनीकी अथवा व्यक्तिगत कारण से ऑनलाइन नही पढ़ पा रहे है* क्या उनकी पढ़ाई अब आगे भविष्य में स्कूल खुलने पर संभव नही होगी ?क्योंकि सिलेबस तो कही आगे निकल जायेगा ।
*और अगर जो बच्चे बचे है उनको फिर से पढ़ाना ही है तो अभी बाकी के बच्चों के स्वास्थ से खिलवाड़ किस लिए।*
विद्यालयों को हर सक्षम अभिभावक फीस देने को वर्तमान में तैयार है फिर भी विद्यालयों के द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य से क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है और सरकार का भी इनको मूक समर्थन मिल रहा है।
*बच्चे भविष्य की निधि है, इनके स्वास्थ्य न खराब हो ये सबकी जिम्मेदारी है ।*
ऋषि कुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय में सेवा दे रहे प्रसिद्ध नेत्र चिकित्सक डा0 अरूण कुमार का मानना है कि छोटे बच्चों की आँखों पर मोबाइल के विकीरण का बूरा असर पड़ता है ,लम्बे समय तक बच्चों के लिए मोबाइल के माध्यम से पढाई करना हानिकारक है उन्होने ने कहा कि अभिभावक लम्बे समय तक बच्चों को मोबाइल से न पढने दे और न ही खेलने दे।
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