- 2008 में आतंकवादियों के लिए आंसू बहाने वाली सोनिया गांधी और काँग्रेस संतो की हत्या पर चुप क्यों
बाटला हाउस एनकाउंटर को सोनिया गांधी सहित कांग्रेस ने झूठा करार दिया था। दिग्विजय सहित कई नेताओं ने सवाल उठाए थे। एनकाउंटर की तस्वीरें देख कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आंसू निकल आये थे, जबकि वहाँ मरने वाले आतंकवादी थे। अफ़ज़ल गुरु जैसों का समर्थन करने वालों के पक्ष में कांग्रेस से समर्थन की आवाज़ उठती रही है, लेकिन पालघर की घटना पर सोनिया गांधी शांत है। आंसू तो दूर, बोलना तक लाज़मी नही समझा। शायद ये उनके पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं। लेकिन बड़े ताज्जुब की बात है कि उनका असली नाम "एंटोनियो माइनो" इतना चुभ गया ? क्यों ? असली नाम लेना गलत है क्या ? घर वालों ने बचपन में बड़े प्यार से यही नाम तो रखा था। योगी आदित्यनाथ के असली नाम को लेकर भी बहुत प्रश्न किये गए थे। विपक्ष ने सुंदर शब्दों की बौछार की थी, तब कांग्रेस को वो सही लगा।ऐसा क्यों ? क्योंकि कांग्रेस ने बोला इसलिए ? इन्हें कश्मीर में सेना को आतंकवादी बोलने वाले भी गलत नही लगे थे, लेकिन #arnabgoswami ने प्रश्न किया, सोनिया गांधी का असली नाम बोलकर उसमे गलत क्या था ? हां, लहजा तीखा था, जो विन्रम होना चाहिए था, लेकिन प्रश्न जायज़ थे। जो कह रहे हैं, कि सोनिया गांधी को अपशब्द कहे, या अपमान किया, वो वीडियो से वो अपमानित शब्द बताने का कष्ट करें ?....वो जो खुद आजतक राजनीति का वास्तविक अर्थ नही समझ पाए, वो पत्रकारिता कैसे करते हैं, ये बता रहे हैं। प्रश्न करना तो अधिकार है पत्रकार का, वो करते रहेंगे। आप सच सुनने की क्षमता रखें और जब आप रविश कुमार और बरखा दत्त जैसों की गलत रिपोर्टिंग पर सवाल नहीं उठा सकते तो Arnab Goswami को बोलना वाजिब नहीं। यदि arnab की बात बुरी लगी, तो एक पत्रकार पर हमला करना कितना जायज़। तुम्हारे हिसाब से काम करे तो ठीक, वरना दलाल ? बिकाऊ ? हैं पत्रकार यह वही इंदिरा गांधी वाली काँग्रेस हैं जिसने आपात काल में प्रेस और पत्रकारिता दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था आज भी उसी मानसिकता से ग्रस्त है।
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