राम-नामी जनजाति (आदिवासी) 🌷
जंगल मे रहने वाले ये लोग अपने शरीर के हर हिस्से में भगवान राम का नाम गुदवाते है।
वो भी स्थायी रूप से, जो कभी ना मिटे।
इस समुदाय को किसी पुराने समय मे श्री राम के मन्दिर में नही जाने दिया जाता था। तब इनके पूर्वजो ने कहा था कि राम को हमसे छीनकर बताओ तो जाने....
राम को हमसे कोई अलग नहीं कर सकता।
इस तरह से जनजाति में राम का नाम गुदवाने की परंपरा चल पड़ी। आजतक ये जनजाति किसी दूसरे मनुष्य निर्मित पन्थ में परिवर्तित न हो सकी....ये लोग कट्टर रामपंथी होते है।। अब इस जनजाति के लोग मन्दिर भी जाते है। अब परिस्थितियां बदल गयी हैं, मगर राम नाम लिखने की परंपरा आज तक न बदली।
🌷 जय श्री राम 🌷डा0 एस के कुलश्रेष्ठ
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