तीर्थ पुरोहित समाज के सामने आजीविका का संकट

 


हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों के आगे रोजी-रोटी का संकट गहराया....(गगन नामदेव संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) 
अखण्ड ब्राह्मण सभा के युवा प्रदेश अध्यक्ष पंडित आदित्य झा जो खुद तीर्थ पुरोहित समाज से है उन्होंने बताया 
हिन्दू शास्त्र में मान्यता है कि किसी भी मृत व्यक्ति को मुक्ति तभी मिलती है जब उसकी अस्थियां गंगा  में विसर्जित हो इसके लिए हर की पौड़ी  स्थित ब्राह्मकुंड पर अस्थि विसर्जन का महत्व है... पिछले सवा महीने से हरिद्वार में  किसी भी प्रकार का कर्म-कांड से संबंधित कोई कार्य नही हुआ है 
हरिद्वार में लगभग 700 गद्दियां है 2000 से ऊपर ऐसे ब्राह्मण है जिनकी गद्दियां तो नही है लेकिन अस्थि विसर्जन का कार्य करते है । कुशा वर्त घाट पर सैकड़ों की संख्या में पर्वतीय लड़के है जो गद्दियों पर कार्य कर के अपनी आजीविका चलाते है। लेकिन आज सभी की गद्दियों पर ताले लटके हुए है घाट सुने पड़े है।
सब के आगे रोजी-रोटी का संकट-गहरा गया है
सरकार को इस और ध्यान देना होगा आने वाले समय मे ऐसा ही रह तो परिस्थितिया और खराब हो जाएगी।


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