भारत माता मंदिर का पाटोत्सव

समन्वयवाद के संवाहक थे स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि : स्वामी अवधेशानन्द गिरि
प्रतीकात्मक रूप से किया गया भारत माता मंदिर एवं समन्वय सेवा ट्रस्ट के पाटोत्सव का आयोजन
हरिद्वार, 15 मई। विश्व प्रसिद्ध भारत माता मंदिर एवं समन्वय सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज पूज्यश्री के पावन सानिध्य में आज विश्व वंदनीय अनंतश्री विभूषित निवृत्त जगद्गुरु शंकराचार्य परम पूज्य परम गुरूदेव ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज का पावन स्मरण करते हुए आश्रम के सभी अंतेवासी एवं अधिकारीगणों के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भारत माता मंदिर एवं समन्वय सेवा ट्रस्ट के पाटोत्सव का आयोजन लॉकडाउन के कारण  बहुत ही सीमित संख्या के साथ एवं प्रतीकात्मक रूप में किया गया। भारत माता के पावन श्रीविग्रह की पूजा-अर्चना की गई जिसमें कोरोना महामारी संकट से मुक्ति एवं विश्व-कल्याण के लिए प्रार्थना की गई।
इस अवसर पर राघव कुटीर में परम गुरुदेव की समाधि स्थली पर पूज्य आचार्यश्री एवं आई.डी. शास्त्री द्वारा रुद्राभिषेक एवं विशेष अर्चना की गयी। पाटोत्सव के पावन दिवस पर  भारत माता मंदिर के उत्सव परिसर में सुंदर कांड पाठ का आयोजन किया गया, जिसमें प्रमुख रुप से जनहित सेवा ट्रस्ट के सचिव आई.डी. शास्त्री, महंतश्री स्वामी ललितानन्द जी महाराज एवं आश्रम के अत्यंत सीमित संख्या में अन्तेवासी उपस्थित रहे। 
इस अवसर पर पूज्य आचार्यश्री स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज ने परम गुरुदेव का स्मरण करते हुए कहा कि भारत माता मंदिर की स्थापना के मूल में प्रबल राष्ट्रवाद का भाव था। पूज्य आचार्यश्री ने कहा कि स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज समन्वयवाद के संवाहक थे। भारत माता मंदिर की स्थापना कर उन्होंने राष्ट्र की एकता व अखण्डता को मजबूत करने का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि परम पूज्य गुरुदेव की स्मृति में उनका प्रथम समाधि दिवस 25 जून 2020 के दिन हम प्रतीकात्मक रूप में आयोजन कर समाधि पूजन, अर्चना एवं अभिषेक जैसे साधनों द्वारा समाधि दिवस मनाया जाएगा। कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न इस लॉकडाउन की स्थितियां जैसे ही स्पष्ट होगी, आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा यथाशीघ्र भक्तजनों को उपलब्ध कराई जाएगी।


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