जीवन की सच्चाई 👉मनोहर पर्रिकर जी चले गये, सुषमा जी चली गई, जेटली जी चले गये, 👉इन सब घटनाओं से आपने क्या सीखा, ये सब बुढापे की मौत नही गये, ये सब किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित थे, 👉आप ये भी नही कह सकते कि इनके खानपान में कोई कमी होगी, 24 घंटे उत्तम स्तर की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध थी, विश्व के सब ऐशो आराम इनको उपलब्ध थे फिर आखिर क्या हुआ कि इनकी मौत समय से पहले हो गई । 👉 सत्य ये है कि इस शरीर के 2 बहुत बड़े घुन हैं, एक अत्यधिक शारारिक आराम और दूसरी अत्याधिक चिंता या अत्याधिक मानसिक थकान। 👉बस इन्ही चीजों से आप अपने आप को बचाइये, जीवन में कभी कोई गंभीर व्याधि नही आयेगी। 👉साथ ही ज्यादा मेडिकल, दबाईयाँ, टेस्ट, अस्पताल, डॉक्टर, ईलाज, ओपरेशन के चक्रव्यूह में न फँसें । 👉हॉस्पिटल बिजनेस के लिये होता है न कि आपके स्वास्थ्य के लिये । 👉अस्पताल में स्वास्थ्य मिलता तो ये सब बड़े-बड़े लीडर जीवित होते तथा देश को फायदा मिलता । 👉 *किसी के लिए भी कभी भूखा प्यासा रहकर कार्य ना करें, अपने बच्चों के लिए भी नही, क्योंकि आपका शरीर स्वस्थ है तो आप हैं और आप हैं तो उनको भी सहारा दे ही सकते हैं*, 👉 प्रत्येक व्यक्ति अपना भाग्य और कौशल साथ लेकर आता है इसलिए किसी के लिए भी अत्यधिक चिंता ना करें, 👉 *इच्छाओं का अंत नही होता अतः संतुष्ट रहना भी सीखें*। 👉जीवन मे पद महत्वपूर्ण वस्तु है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण आपका अपना शरीर है, आपकी महता तभी तक है जब तक आपका शरीर स्वस्थ है । 👉 यही आपका वास्तविक जीवन साथी है । 👉 *जब तक आपका शरीर स्वस्थ है, आपका जीवन सार्थक है।* 🙏


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