कल चन्द्र दर्शन ठीक नहीं है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।यू तो चंद्रमा का दर्शन हमेशा ही सुख प्रदान करता है। कई महत्व पूर्ण व्रत चंद्रमा को देख कर ही खोल जाते है। परन्तु पूरे वर्ष में एक दिन ऐसा होता है कि चन्द्र दर्शन निषिद्ध होता है। यदि कोई इस दिन चंद्रमा के दर्शन करता है तो उसके ऊपर लांछन लगना तय होता है।उसके ऊपर झूठे आरोप लग जाते है। भगवान कृष्ण ने इस दिन चंद्रमा का दर्शन किया था तो स्मनतक मणि को चुराने का झूठा आरोप उन पर भी लगा था।। ये दिन होता है भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, इस दिन चन्द्र दर्शन ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से। निषिद्ध है। गणपति के शरीर को देखकर चन्द्रमा को हंसी आ गई तो गणपति ने कहा कि आज से जो भी तुम्हारा दर्शन करेगा वो झूठा आरोप सहेगा। चंद्रमा की अनुनय , विनय ने उन्होंने इस श्राप को एक दिन के लिए बांध दिया। इसी दिन सिद्धिविनायक गणेश का जन्म हुआ इशी दिन ये श्राप लगता है। वैसे भी गणेश बुद्धि के प्रतीक है चंद्रमा मन का। दोनों में दोस्ती नहीं हो सकती। इसका मतलब ये भी है कि जब बुद्धि का जन्म होता है तो मन को नहीं देखना चाहिए। आने वाली 22ऑगेस्ट को ये दिन होगा। आप सभी गोरी पुत्र गणेश का उत्सव मनाएं। अभिषेक करें दूर्वा से पूजा करे। लड्डू का भोग लगाएं। हस्त नक्षत्र चंद्रमा का प्रिय है। इस दिन यदि आकाश गंगा से आने वाले जल से भगवान गणेश का अभिषेक किया जाए तो रिधि सिद्धी घर में निवास करती है।.. क्योंकि गणेश की उत्पति माता पार्वती के द्वारा हुई है। मा ने अपने शरीर के द्वारा इनकी उत्पति की थी आकाश गंगा में मा पार्वती का नित्य निवास है। वहीं से आए हुए जल गणेश का बहुत प्रिय है.....प्रतीक मिश्र, भारतीय प्राच विधा सोसाइटी, कनखल, हरिद्वार


No comments:

Post a Comment

Featured Post

वैश्य कुमार धर्मशाला कनखल में हुआ गणेश महोत्सव का शुभारंभ

हरिद्वार 7 सितंबर भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव पर वैश्यकुमार धर्मशाला कनखल में धर्म रक्षा मिशन द्वारा जनमानस के...