आध्यात्मिक प्रवृत्ति के डा0 एस के कुलश्रेष्ठ ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए दान दिये ग्यारह लाख रुपये एस एम जे एन पीजी कालेज के पूर्व वाणिज्य विभाग प्रमुख रहे हैं डा0 एस के कुलश्रेष्ठ, अपनी शालीनता और आध्यात्मिक भक्ति भाव के लिए जाने जाते हैं डा0 एस के कुलश्रेष्ठ। हरिद्वार 16 सितम्बर (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार)' मेरे पास जो हैं वह ईश्वर का है ईश्वर का दिया हुआ उसे ही अर्पण करने में मेरा क्या बड्डपन' कुछ ऐसे ही विचारों और जीव मात्र में ईश्वर का दर्शन करने वाले धार्मिक प्रवृत्ति के शिक्षाविद डा0 एस के कुलश्रेष्ठ ने अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण के लिए ग्यारह लाख रुपये भगवान श्री राम के चरणों में समर्पित किये है आज उन्होने ने यूको बैक गोविंद पुरी शाखा से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के लिए चैक जारी किया। सदैव धार्मिक कार्यो में संलग्न रहने वाले डा0 एस के कुलश्रेष्ठ, समय-समय परअनाथाश्रमो,कुष्ठ आश्रमो, विभिन्न स्कूलो में भी निस्वार्थ भाव से सेवा कार्य करते रहते हैं। करोना काल में भी प्रधानमंत्री राहत कोष में 51 हजार का सहयोग प्रदान किया था। डा0 एस के कुलश्रेष्ठ का मानना है कि मेरे पास जो भी है ईश्वर का दिया हुआ है उसे मानव मात्र की सेवा मे समर्पित करना ही। श्रेष्ठ ईश्वर भक्ति हैं।उन्होने ने कहा कि धन की सद्गति धार्मिक कार्यो में व्यय होने से है उन्होने कहा कि धन की तीन गतिया है जो धन मंदिर, स्कूल, हास्पिटल के निर्माण में व्यय होता है वह परम कल्याणकारी है, स्वयं के सुख के लिए खर्च किया गया धन द्वितीय क्षेणी में आता है, भोग विलास और विध्वंस में खर्चे किया धन पतन का कारण बनता हैं इसलिए अगर परमात्मा ने धन दिया है तो वह धार्मिक कार्यो में व्यय होना चाहिए।


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