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हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी मायादेवी का मंदिर बनेगा सबसे ऊंचा। -------------------- ग्यारहवीं शताब्दी में हुआ था निर्माण, तैमूरलंग ने किया था ध्वस्त। -------------------- अखाडे की चिरप्रतीक्षित इच्छा होगी पूरी- मदन कौशिक -------------------- वरिष्ठ पत्रकार शशि शर्मा जी की कलम से साभार ********* हरिद्वार जूना अखाड़ा स्थित प्रख्यात माया देवी सिद्धपीठ मंदिर को उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर बनाया जाएगा। इस संदर्भ में उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को केबिनेट की बैठक में बकायदा प्रस्ताव पारित कर अखाड़े की मांग को पूरा करने की तैयारी कर ली है। जल्द ही निर्माण संबंधित विभाग संपूर्ण उत्तर भारत क्षेत्र में सर्वे करके रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे उसके बाद मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के लिए निर्माण कार्य शुरू होगा। देवी भगवती मां मायादेवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी है जो भग्वान दत्तात्रेय के उपासक जूना अखाड़े की धरोहर मायादेवी मंदिर नाम से ख्यात है। शहर के बीचोबीच स्थित सिद्धपीठ मायादेवी मंदिर राजा दक्ष की पुत्री और भगवान शिव की अर्द्धांगिनी सती के सर्वांग दर्शनों का एक मात्र सिद्धपीठ माना जाता है, ऐसा माना जाता है कि भारत के शेष सिद्धपीठों में देवी के विखंडित अंगों के दर्शन होते हैं लेकिन मायादेवी मंदिर में देवी सती के सर्वांग दर्शन होते हैं। कभी अति समृद्ध रहे मायादेवी मंदिर को तैमूरलंग ने लूटा और यहां प्रतिष्ठित मां काली की प्रतिमा को खंडित कर दिया था वर्तमान मंदिर का निर्माण ग्यारहवीं शताब्दी में हुआ बताया जाता है। अब इसी माया देवी मंदिर को उत्तर भारत का सबसे ऊंचा मंदिर बनाया जाएगा, उत्तराखंड सरकार में शहरी विकास मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक उत्तराखंड सरकार की इस सूचना के साथ आज जूना अखाड़े पहुचे और मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने के निर्णय की जानकारी देने के साथ ही देवी भगवती और भैरव देव के दर्शन व अराधना की। उन्होंने कहा मंदिर की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर अब किसी तरह की रुकावट नहीं रह गई है, जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरीगिरी महाराज लंबे समय से मंदिर को विशाल और भव्य रूप दिए जाने के लिए प्रयासरत थे लेकिन हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण और अन्य विभागों की आपत्ति के कारण योजना आगे नहीं बढ़ सकी जिसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव रखकर इसको पास कर दिया गया है, उन्होंने कहा अब मायादेवी मंदिर दुनिया के खास मंदिरों में शामिल होगा। इस अवसर पर हवन पूजन यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमें अखाड़ा परिषद के महामंत्री व जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत हरी गिरी ,सभापति सोहन गिरी जी ,सेक्रेटरी महंत महेश पुरी और अनिल पूरी सहित अखाड़ा के संत महंत और पदाधिकारी मौजूद रहे
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