कठोर परिश्रम का नहीं है कोई विकल्प: नितिन पाण्डेय शिक्षा एवं उद्योग में सामंजस्य स्थापित होना आवश्यक: डाॅ. बत्रा महाविद्यालय में किया गया आॅनलाइन कैरियर विकास कार्यक्रम का आयोजन हरिद्वार 28 सितम्बर। (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) शिक्षक, विधार्थी व काॅरपाॅरेट जगत के मध्य सामंजस्य विकसित करने के उद्देश्य से इन्नोरेनोवेट सोल्युसनस प्राइवेट लिमिटेड के ‘सहयोग’ कार्यक्रम के अंतर्गत महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए आयोजित आॅनलाइन कैरियर विकास कार्यक्रम में कंपनी के संस्थापक व सीईओ नितिन पाण्डेय ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते जीवन में केवल एक कैरियर का विकल्प चुनने के बजाए अनेक कैरियर चुनने पर बल दिया व स्पष्ट किया कि कठोर परिश्रम का कोई विकल्प नहीं। उन्होंने समय व धन जैसे संसाधनों के उचित प्रबंधन पर बल देते हुए विद्यार्थियों को अपना उचित कैरियर बोर्ड बनाने की सलाह दी। उनके अनुसार, नई शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यार्थियों द्वारा अपने माइंड सेट को बदलना आज की आवश्यकता है। उन्होंने रोजगार प्राप्त करने के साथ जुड़े भ्रमों को भी दूर करने का प्रयास करते हुए मानविकी, कला व सामाजिक विज्ञानों के विद्यार्थियों के लिए कैरियर विकल्पों के अनेक आयामों को स्पष्ट किया। काॅलेज के प्राचार्य एवं कार्यक्रम संरक्षक डाॅ सुनील कुमार बत्रा ने अपने उद्बोधन में कहा कि रोजगार सृजन इस कोविड-19 महामारी में अवसर एवं चुनौतियां लेकर आया है। शिक्षा एवं उद्योग जगत के बीच में रिक्तता के कारण रोजगार के अवसरों को भुनाने में विद्यार्थी असफल रहते हैं। डाॅ. बत्रा ने जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में आवश्यकता इस बात की है कि इस रिक्तता को दूर कर शिक्षा एवं उद्योग में सामंजस्य स्थापित किया जाये। उन्होंने इस कार्यक्रम हेतु अर्थशास्त्र विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये जाने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के संचालक व अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डाॅ0 नरेश कुमार गर्ग ने अतिथियों, शिक्षकों व विद्यार्थियों का आॅनलाइन कार्यक्रम में स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति चाहता है कि शिक्षा प्राप्त कर वह या तो स्वःनियोजित हो अथवा नौकरी करे। अर्थशास्त्र विषय को पढ़ने वाले विद्यार्थी अक्सर प्रश्न करते हैं कि अर्थशास्त्र पढ़ कर क्या करेंगे? इसका उत्तर खोजना आसान नहीं है क्योंकि प्रायः हमें अपनी योग्यता की पहचान नहीं होती या हमें उन अवसरों के विषय में ज्ञात नहीं होता जो हमें उपलब्ध हो सकते हैं। हमारे उड़ान के सपने का स्तर ज्ञात हो व हमें उनके लिए रोजगार के अवसरों की पहचान हो तो हम उनके लिए आवश्यक योग्यता प्राप्त करने का प्रयास कर सकते हैं व योग्यता प्राप्त कर उन अवसरों को पकड़ सकते हैं। यहां हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति दृष्टिकोण से एक के लिए रोजगार के निम्न / मध्यम / उच्च स्तरों का कम या अधिक महत्व हो सकता है परंतु समष्टि दृष्टिकोण से अर्थव्यवस्था के संचालन व समाज में स्थिरता के लिए प्रत्येक स्तर के रोजगार का महत्व है क्योंकि वे सब रोजगार परस्पर एक दूसरे पर निर्भर करते हैं। आॅनलाइन कार्यक्रम में गढ़वाल विश्वविद्यालय के डाॅ. प्रशांत कंडारी, महाविद्यालय के डाॅ. तेजवीर सिंह तोमर, डाॅ. अमिता श्रीवास्तव, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. विनिता चौहान, डाॅ. पूर्णिमा सुन्द्रियाल, नेहा गुप्ता , नेहा सिद्दीकी,कु. अंतिम त्यागी, कु. महिमा राणा आदि अनेक प्राध्यापक/प्राध्यापिकाएं, राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य हितेश जोशी सहित एम.ए. व बी.ए. अर्थशास्त्र के अनेक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।


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