संतों का जीवन होता है परोपकार को समर्पित : स्वामी आनन्द भाष्कर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास जी की अध्यक्षता में उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री तीर्थ कुटीर में वार्षिकोत्सव सम्पन्न हरिद्वार, 31 अक्टूबर।(विरेन्द्र शर्मा संवाददाता गोविंद कृपा हरिद्वार) उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री तीर्थ कुटीर में शरद पूर्णिमा के पावन अवसर व वार्षिकोत्सव पर श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास जी की अध्यक्षता में सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए संत समागम का आयोजन किया गया। गंगेश्वर धाम परमाध्यक्ष स्वामी आनन्द भाष्कर ने कहा कि संतों का जीवन परोपकार को समर्पित होता है। स्वामी तीर्थानन्द जी महाराज ने अपने जीवन काल में धर्म प्रचार व लोक कल्याण के लिए श्री तीर्थ कुटीर की स्थापना की थी। उन्हीं की सेवा परम्परा को आगे बढ़ाते हुए स्वामी प्रेमानन्द जी महाराज के संयोजन में निरन्तर सेवा प्रकल्पों का संचालन किया जा रहा है। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत दुर्गादास जी महाराज ने कहा कि अपने गुरूजनों के पदचिन्हों पर चलने वाला व्यक्ति ही सच्चा संत होता है। ब्रह्मलीन स्वामी तीर्थानन्द जी महाराज व ब्रह्मलीन स्वामी सर्वज्ञमुनि जी महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी गोपाल मुनि जी महाराज की परम्परा को आगे बढ़ाते हुए स्वामी प्रेमानन्द महाराज लोक कल्याण व धर्म संस्कृति के प्रचार-प्रसार को सदैव समर्पित रहते हैं। श्री गुरू मण्डल आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी भगवत स्वरूप जी महाराज ने कहा कि धार्मिक संस्थाएं संस्कृति की रक्षा, संस्कृत के संवर्द्धन व धार्मिक गतिविधियों के संचालन में सदैव अग्रणीय भूमिका निभाती है। उदासीन परम्परा व गंगेश्वर धाम की शाखा से जुड़ी तीर्थ कुटीर निरन्तर धार्मिक व सामाजिक कार्यों में तत्पर रहती है। हरेराम आश्रम के परमाध्यक्ष म.मं. स्वामी कपिल मुनि जी महाराज व स्वामी गंगादास महाराज ने कहा कि स्वामी तीर्थानन्द महाराज संस्कृत के प्रकाण्ड विद्वान व महान धर्म सुधारक थे। उन्हीं की परम्पराओं को आगे बढ़ाते हुए तीर्थ कुटीर धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। तीर्थ कुटीर के परमाध्यक्ष स्वामी प्रेमानन्द जी महाराज ने संत समाज का अभिनन्दन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की रक्षा व धर्म का प्रचार तीर्थ कुटीर का मुख्य उद्देश्य है। पूज्य गुरूजनों के आशीर्वाद से निरन्तर सेवा प्रकल्पों का आयोजन किया जा रहा है। पार्षद अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि संतों के सानिध्य में सत्संग से प्राप्त ज्ञान से जीवन सुखद व सरल बनता है। देवतुल्य संतों के आशीर्वाद से परिवार में सदैव ईश्वरीय कृपा बनी रहती हैं। कार्यक्रम का संचालन म.मं. स्वामी शिवानन्द जी महाराज व डॉ. स्वामी हरिहरानन्द जी महाराज ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से महंत स्वामी गंगादास, म.मं. स्वामी कपिल मुनि, स्वामी वेदानन्द, महंत स्वामी दिनेशदास शास्त्री, महंत स्वामी जमुना दास, स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री, महंत दुर्गादास, स्वामी ज्ञानानन्द, म.मं. स्वामी सुरेश मुनि, स्वामी केशवानन्द, पार्षद अनिरूद्ध भाटी सहित अनेक गणमान्यजन एवं संतगण व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।


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