Subscribe To
श्रीधर वम्बू असली हीरो। (वरिष्ठ साहित्यकार कमल भारतीय जी की वाल से साभार) उनका अगला लक्ष्य, प्राइवेट जेट खरीदना होना चाहिए था। वैसे भी, किसी की कुल सम्पत्ति अगर 18 हज़ार करोड़ रूपए की हो, तो 300 करोड़ रूपए के प्राइवेट जेट विमान खरीदने पर ऑडिटर भी एतराज नहीं करेगा । और जब पैसा अथाह हो तो फिर मुश्किल ही क्या है ? यूँ भी, लक्ष्मी जब छप्पर फाड़कर धन बरसाती हैं, तो ऐसे फैसले किसी को खर्चीले नहीं लगते। शायद इसलिए एक खरबपति के लिए जेट विमान ख़रीदना ऐसा ही है जैसे किसी मैनजेर के लिए मारुती कार खरीदना। लेकिन जोहो कारपोरेशन(Zoho Corporation ) के चेयरमैन, श्रीधर वेम्बू पर लक्ष्मी के साथ साथ सरस्वती भी मेहरबान थीं। इसलिए उनके इरादे औरों से बिलकुल अलग थे। प्राइवेट जेट खरीदना तो दूर, उन्होंने अपनी कम्पनी बोर्ड के निदेशकों से कहा कि वे अब कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका) से जोहो कारपोरेशन का मुख्यालय कहीं और ले जाना चाहते हैं। श्रीधर के इस विचार से कम्पनी के अधिकारी हतप्रभ थे.. क्यूंकि सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के लिए कैलिफ़ोर्निया के बे-एरिया से मुफीद जगह दुनिया में और कोई है ही नहीं। गूगल, एप्पल , फेसबुक, ट्विटर या सिस्को, सब के सब इसी इलाके में रचे बसे, फले फूले। पर श्रीधर तो और भी बड़ा अप्रत्याशित फैसला लेने जा रहे थे। वे कैलिफ़ोर्निया से शिफ्ट होकर सीएटल या हूस्टन नहीं जा रहे थे।वे अमेरिका से लगभग 13000 किलोमीटर दूर चेन्नई वापस आना चाहते थे। उन्होंने बोर्ड मीटिंग में कहा कि अगर डैल, सिस्को, एप्पल या माइक्रोसॉफ्ट अपने दफ्तर और रिसर्च सेंटर भारत में स्थापित कर सकते हैं तो जोहो कारपोरेशन को स्वदेश लौटने पर परहेज़ क्यों है ? श्रीधर के तर्क और प्रश्नो के आगे बोर्ड में मौन छा गया। फैसला हो चुका था। आई आई टी मद्रास के इंजीनियर श्रीधर वापस मद्रास जाने का संकल्प ले चुके थे।उन्होंने कम्पनी के नए मुख्यालय को तमिल नाडु के एक गाँव(जिला टेंकसी) में स्थापित करने के लिए 4 एकड़ जमीन पहले से खरीद ली थी।और एलान के मुताबिक, अक्टूबर 2019 , यानि ठीक एक साल पहले श्रीधर ने टेंकसी जिले के मथलामपराई गाँव में जोहो कारपोरेशन का ग्लोबल हेडक्वार्टर शुरू कर दिया। यही नहीं, 2.5 बिलियन डॉलर के जोहो कारपोरेशन ने पिछले ही वर्ष सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कारोबार में 3,410 करोड़ रूपए का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त करके टेक जगत में बहुतों को चौंका भी दिया। स्वदेश क्यों लौटना चाहते थे श्रीधर ? श्रीधर, अमेरिका की किसी एजेंसी या बैंक या स्टॉक एक्सचेंज के दबाव के कारण स्वदेश नहीं लौटे। उनपर प्रतिस्पर्धा का दबाव भी नहीं था। वे कोई नया व्यवसाय भी नहीं शुरू कर रहे थे। वे किसी नकारात्मक कारण से नहीं, एक सकारात्मक विचार लेकर वतन लौटे। उन्होंने कई वर्ष पहले संकल्प लिया था कि अगर जोहो ने बिज़नेस में कामयाबी पायी तो वे प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा स्वदेश में निवेश करेंगे। कम्पनी के मुनाफे को वे गाँव के बच्चों को आधुनिक शिक्षा देने पर भी खर्च करेंगे। इसी इरादे से उन्होंने सबसे पहले मथलामपराई गाँव में बच्चों के लिए निशुल्क आधुनिक स्कूल खोले।कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के जानकार श्रीधर गाँव में ही जोहो विश्वविद्यालय भी बना रहे हैं जहाँ भविष्य के सॉफ्टवेयर इंजीनियर तैयार होंगे। फोर्ब्स मैगज़ीन में दिए एक इंटरव्यू में श्रीधर बताते हैं कि टेक्नोलॉजी को अगर ग्रामीण इलाकों से जोड़ा जाए तो गाँव से पलायन रोका जासकता है । " गाँव में प्रतिभा है, काम करने की इच्छा है...अगर आधुनिक शिक्षा से हम बच्चों को जोड़े तो एक बड़ा टैलेंट पूल हमे गाँव में ही मिल जायेगा। इसीलिए मैं भी बच्चों की क्लास में जाता हूँ , उन्हें पढ़ाता भी हूँ। मेरी कोशिश गाँव को सैटेलाइट से जोड़ने की है। हम न सिर्फ दूरियां मिटा रहे हैं, न सिर्फ पिछड़ापन दूर कर रहे हैं , बल्कि शहर से बेहतर डिलीवरी गाँव से देने जा रहे है....प्रोडक्ट चाहे सॉफ्टवेयर ही क्यों न हो , " श्रीधर बताते हैं। तस्वीरें ज़ाहिर करती हैं कि श्रीधर बेहद सहज और सादगी पसंद इंसान हैं। वे लुंगी और बुशर्ट में ही अक्सर आपको दिखेंगे। गाँव और तहसील में आने जाने के लिए वे साईकिल पर ही चल निकलते हैं।उनकी बातचीत से, हाव भाव से, ये आभास नहीं होता कि श्रीधर एक खरबपति सॉफ्टवेयर उद्योगपति हैं जिन्होंने 9 हज़ार से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है जिसमे अधिकाँश इंजीनियर है। उनकी कम्पनी के ऑपरेशन अमेरिका से लेकर जापान और सिंगापुर तक फैले हैं जहाँ 9,300 टेक कर्मियों को रोजगार मिला है। श्रीधर का कहना है कि आने वाले वर्षों में वे करीब 8 हज़ार टेक रोजगार भारत के गाँवों में उपलब्ध कराएंगे और ग्लोबल सर्विस को देश के नॉन-अर्बन इलाकों में शिफ़्ट करेंगे। शिक्षा के साथ गाँवों में वे आधुनिक अस्पताल, सीवर सिस्टम, पेयजल, सिंचाई, बाजार और स्किल सेंटर स्थापित कर रहे हैं। एक सवाल अब आपसे क्या कारण है कि देश में श्रीधर जैसे हीरों की परख जनता नहीं कर पाती ? क्या कारण है कि हम असली नायकों को नज़रअंदाज़ करके छद्म नायकों को पूजते हैं ? श्रीधर चाहते तो आज कैलिफ़ोर्निया में निजी जेट विमान पर उड़ रहे होते, सेवन स्टार लक्ज़री विला में रहते, अपनी कमाई को विदेश में ही निवेश करते जाते ... आखिर उन्हें स्वदेश लौटने की ज़रुरत ही क्या थी? फिर भी उनके त्याग का देश संज्ञान नहीं लेता ? क्या कीचड़ उछाल और घृणा-द्वेष से रंगे इस देश में अब श्रीधर जैसे लोग अप्रासंगिक हो रहे है ? या हम लोग इतने निकृष्ट और निर्लज होते जा रहे हैं कि नर में नारायण की जगह नालायक ढूंढने लगे हैं ? श्रीधर जैसे अनेक ध्रुव तारे आज देश को आलोकित कर रहे हैं पर इन तारों की चमक, समाज को चौंधियाती नहीं है। उनके कर्म, न्यूज़ चैनल की सुर्खियां को रौशन नहीं करते हैं। और जिन्हे सुबह शाम, रौशन किया जा रहा है वे अँधेरे के सिवा आपको कुछ दे नहीं सकते। मेरा आग्रह आपसे है अगर बच्चों का भविष्य बदलना है तो कुछ देर के लिए न्यूज़ चैनल बंद कीजिये और अपने आस पास अपने गाँव देस में श्रीधर ढूंढिए। Copied #Adiyogi
Featured Post
कल से होगा मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
21 से 25 नवंबर तक गैंडीखाता में आयोजित किया जाएगा मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर हरिद्वार /गैंडी खाता 20 नवंबर अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा व...
-
बहुत अच्छी जानकारी है कृपया ध्यान से पढ़ें . 👉ये है देश के दो बड़े महान देशभक्तों की कहानी.... 👉जनता को नहीं पता है कि भगत सिंह के खिल...
-
*लो जी जारी हो गई उत्तराखंड सरकार की guideline ,मुख्य सचिव ने बताया क्या खुलेगा क्या बंद रहेगा* देहरादून- मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने की...
-
#casualLeaveApplication
-
सरस्वती शिशु मंदिर गंगा निलियम में हुआ पुरस्कार वितरण समारोह हरिद्वार 10 मार्च ( आकांक्षा वर्मा संवादाता गोविंद कृपा हरिद्वार ) मायापुर ...
-
यमुना नदी स्वच्छ व निर्मल बनाने की प्रतिबद्धता के संकल्प संग दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट (डीईआई) ने मनाई एलुमनी कनेक्ट 2024 ज्योति एस, दय...
-
. सरस्वती शिशु मंदिर मायापुर में हरेला सप्ताह के अंतर्गत आयोजित की गई चित्रकला प्रतियोगिता हरिद्वार 19 जुलाई (आकांक्षा वर्मा संवाददाता गो...
-
गंगा सभा ने की प्रदेश सरकार से हरिद्वार में अस्थि प्रवाह कर्म को करने की अनुमति देने की मांग श्री गंगा सभा अध्यक्ष और महामंत्री ने नगर विका...
-
रुड़की 21 जनवरी( संजय सैनी संवादाता गोविंद कृपा रुड़की )भारतीय राष्ट्रवादी सैनी समाज संगठन हरिद्वार उत्तराखंड के जिला पदाधिकारियों की एक जूम...
-
🙏🏻 A P P E A L🙏🏻 From Daljeet Singh Maan (D S Maan) (AIMTC MANAGING COMMITTEE MEMBER, RTO TRAFFIC MEMBER & STATE PRE...
No comments:
Post a Comment