हमें गर्व है हरिद्वार की बेटी रिद्धिमा पांडे पर, जिसे बीबीसी द्वारा विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शामिल किया गया है। विगत वर्ष हरिद्वार की सुप्रसिद्ध सांस्कृतिक संस्था "अध्यात्म चेतना संघ" ने रिद्धिमा को अपने वार्षिकोत्सव "विराट गीता महोत्सव" के अन्तर्गत अपने मंच पर "हरिद्वार गौरव" सम्मान से विभूषित किया था। फ्रांस, स्पेन, पुर्तगाल आदि देशों में पर्यावरण पर आयोजित सम्मेलनों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हरिद्वार की 11 वर्षीय रिद्धिमा पांडे दुनिया के पांच देशों के ख़िलाफ़ संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में याचिका दायर कर अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कार्यकर्ता के रूप में मशहूर हो गई हैं। रिद्धिमा ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunburg) के साथ उन 16 बच्चों में शामिल हैं जिन्होंने अपने वादे के अनुसार पर्यावरण के लिए पर्याप्त काम न करके बच्चों के अधिकारों का हनन करने पर 5 देशों के ख़िलाफ़ याचिका दायर की है। रिद्धिमा ऐसा करने वाली भारत ही नहीं एशिया से अकेली बच्ची है। कम ही लोग जानते हैं कि रिद्धिमा इससे पहले पर्यावरण (Environment) को लेकर भारत सरकार के ख़िलाफ़ भी एनजीटी (NGT) में केस कर चुकी हैं. लेकिन महज़ 11 साल की उम्र में इतनी बड़ी चिंताएं रिद्धिमा को हुईं कैसे और कैसे वह संयुक्त राष्ट्र तक पहुंची यह जानना दिलचस्प है। 2017 में रिद्धिमा पांडे ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पर्याप्त काम न करने पर भारत सरकार के ख़िलाफ़ नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) में याचिका दायर कर दी थी। याचिका में कहा गया था कि प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन को रोकने में सरकार नाकाम रही है और एनजीटी से मांग की गई थी कि वह सरकार को और ज़्यादा प्रयास करने के निर्देश दे। निश्चित रूप से रिद्धिमा आगे चलकर अद्वितीय प्रतिभा के रूप में उभरकर नये कीर्तिमान स्थापित करेगी। हम उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।आचार्य करूणेश मिश्र


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