बलिदान सप्ताह

 #बलिदान_सप्ताह (21- 27 दिसम्बर)


1704 के इसी सप्ताह में #GuruGobindSinghJi का पूरा परिवार धर्मयुद्ध में बलिदान हो गया था। इस शौर्यगाथा को अपने परिवार व साथियों को बतायें ताकि उन्हें देश के इतिहास की सही जानकारी हो तथा देश के लिए अपना सर्वस्व देने की प्रेरणा मिले।


यह पूरा सप्ताह सनातन समाज के त्याग और शौर्य का है। सिख धर्म के दशम गुरु वीर शिरोमणि गुरु गोविंद सिंह जी का पूरा परिवार इसी सप्ताह में धर्मयुद्ध के दौरान बलिदान हो गया था। 


21 दिसंबर- श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने परिवार सहित श्री आनंद पुर साहिब का किला छोड़ दिया।


22 दिसंबर- गुरु साहिब अपने दोनों बड़े पुत्रों सहित चमकौर के मैदान में व गुरु साहिब की माता और दोनों छोटे साहिबजादे अपने रसोइए के घर पहुंचे । 


चमकौर की जंग शुरू और दुश्मनों से जूझते हुए गुरु साहिब के बड़े साहिबजादे श्री अजीत सिंह उम्र महज 17 वर्ष और छोटे साहिबजादे श्री जुझार सिंह उम्र महज 14 वर्ष अपने 11 अन्य साथियों सहित धर्म और देश  की रक्षा के लिए वीरगति को प्राप्त हुए।


23 दिसंबर- गुरु साहिब की माता गुजरी जी और दोनों छोटे साहिबजादो को गिरफ्तार कर सरहिंद के नवाब को सौप दिया ताकि वह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी से अपना बदला ले सके ।


24 दिसंबर- तीनों को सरहिंद पहुंचाया गया और वहां ठंडे बुर्ज में नजरबंद किया गया।


25 -26 दिसंबर- छोटे साहिबजादों को नवाब वजीर खान ने धर्म परिवर्तन कर मुसलमान बनने के लिए लालच दिया।


27 दिसंबर- साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह  को जिंदा दीवार में चिन ने के बाद गला रेत कर शहीद कर किया गया जिसकी खबर सुनते ही माता गुजरी ने भी अपने प्राण त्याग दिए।


#Balidan_Saptah


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