प्रेस क्लब हरिद्वार के सभागार में हिन्दू पंचायत का हुआ आयोजन

 हमारा देश अब 1947 की गलती को दुहराने को कत्तई तैयार नहीं  -स्वामी आनन्द स्वरूप


अरब देेश स्कूलों में गीता पढ़़ा सकते हैं तो भारत क्यों नहीं -स्वामी आनन्द


भारतीय संविधान के अनुसार मुस्लिम, ईसाई व यहूदी के अलावा सभी हिन्दू हैं  -तुफैल चतुर्वेदी


आज भारी संख्या में धर्मांतरित लोग अपने पुरखों के कुटुम्ब मेें लौटना चाहते हैं -तुफैल


देवभूमि उत्तराखण्ड की शुचिता को बरकरार रखना जरूरी   -राम महेश मिश्र


‘‘जाति पांति की करो विदाई - हिन्दू हिन्दू भाई भाई’’


हरिद्वार प्रेस क्लब सभागार में शंकराचार्य परिषद व भाग्योदय फाउण्डेशन की हिन्दू पंचायत सम्पन्न


हरिद्वार, 17 जनवरी। आज हरिद्वार प्रेस क्लब के मुख्य सभागार में हिन्दू पंचायत सम्पन्न हुई। शंकराचार्य परिषद एवं भाग्योदय फाउण्डेशन द्वारा आयोजित इस पंचायत की अध्यक्षता करते हुए परिषद के अध्यक्ष श्री स्वामी आनन्द स्वरूप जी महाराज ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी पंथों, समस्त मतावलंबियों को बराबर सम्मान देने का प्रावधान है लेकिन ऐसा हो नहीं सका। यह देश विद्यालयों में ‘कुरान’ और ‘बाइबिल’ तो पढा़ सकता है लेकिन ‘गीता’ नहीं पढ़ा सकता। श्रीमद्भगवदगीता सदा से इस राष्ट्र का ‘संविधान’ रहा है, यह बात आज देश को स्वीकार करनी पड़़ेगी। उन्होंने बताया कि सउदी अरब के देशों ने कानून बनाकर गीता कोे अपने यहां स्कूली पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। उन्होंने देश से सवाल किया कि गीता के इस देश में गीता पढ़ाने की बात कह देने पर भूकम्प क्यों आ जाता है? उन्होंने सनातनी धर्मतंत्र में आ गयी अनेक बुराइयों पर भी प्रहार किया और उनमें सुधार लाने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए।


स्वामी आनन्द स्वरूप ने जनसमुदाय के प्रश्नों के उत्तर देते हुए भारत में सुख-शान्ति के लिए इसी हिन्दू राष्ट्र बनाने की पुरजोर वकालत की। हिन्दू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महामण्डलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि जी महाराज ने उत्तराखण्ड के पर्वतीय अंचलों में बढ़ती अवैध बांग्लादेशी जनसंख्या का जिक्र किया और देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड में अधिकांश रोजगार मुस्लिमों के हाथ में चले जाने की विडम्बना की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि आजादी के समय राष्ट्रनायक पं. मदन मोहन मालवीय जी की पहल पर ब्रिटिश सरकार के साथ हुए समझौते के अनुसार हरिद्वार में कोई मुसलमान नहीं रह सकता, वह नियम आज भी लागू है। लेकिन आज स्थिति यह है कि सनातनी धर्मनगरी हरिद्वार के मुख्य केन्द्र ‘हर की पैड़ी’पर वह भारी संख्या में छाए हुुए हैं। इस मौके पर स्वामी आनन्द स्वरूप ने ‘काली सेना’ के गठन की घोषणा की, जिसका प्रभारी श्री गुलशन किशोर चैहान को बनाया गया। यह काली सेना शास्त्र और शस्त्र वाले भारत देश की मूल संस्कृति को वापस लाते हुए संस्कारित, शालीन व बहादुर युवा पीढ़ी का निर्माण करने का कार्य करेगी।


आनन्द स्वामी ने कहा कि हिन्दुस्थान के साथ हुए उस छल का प्रतिकार करने का, जो कुछ षडयंकारियों ने सन् 1947 में एक राष्ट्र इस्लाम के नाम पर बनाकर किया था, और दूसरे राष्ट्र को सेक्यूलर छोड़ दिया था, ताकि आगे चलकर एक और इस्लामिक राष्ट्र, एक और ईसाई राष्ट्र इसमें से सेक्यूलरिज्म के आड़ में बनाया जा सके। भारत की जनता देर से ही सही लेकिन अब इस छल-छद्म को जान व पहचान चुकी है। अब हम फिर से छले जाने के लिए कत्तई तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हिन्दू पंचायतों का आयोजन भारत को हिन्दू गणराज्य बनाने के लिए किया जा रहा है। हम चाहते हैं कि यह राष्ट्र हिन्दू राष्ट्र बने जिसका संविधान भगवदगीता बने। उन्होंने कहा कि कुम्भनगरी हरिद्वार की इस अभियान में बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, अतः सभी धार्मिक-आध्यात्मिक संगठनों को एक साथ मिलकर इस अभियान में जुटना चाहिए। उन्होंने भाग्योदय फाउण्डेशन प्रमुख राम महेश मिश्र की राष्ट्रनिष्ठा-धर्मनिष्ठा को सराहा और हिन्दू पंचायत के लिए हरिद्वार का चयन करने के लिए उन्हें साधुवाद कहा।


प्रख्यात साहित्यकार एवं इस्लाम विशेषज्ञ श्री विनय कृष्ण चतुर्वेदी ‘तुफैल’ ने इस्लाम की विस्तृत व्याख्या की और कहा कि भारत सहित विश्व भर के देशों का प्रजातन्त्र इस्लाम का टूल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत हो या दुनिया का कोई भी देश, किसी भी व्यक्ति की जान लेने का अधिकार केवल सरकार के पास होता है, वह भी अपराधी के साथ ऐसा करती है और उसकी एक लम्बी प्रक्रिया है। फांसी देने वाले व्यक्ति (जल्लाद) को कई बार शराब पिलानी पड़ती है, तब वह ऐसा कर पाता है। कोई व्यक्ति कैसे किसी को बिना किसी कारण के, केवल अन्य मतावलंबी होने के कारण किसी निर्दोष को निर्दयता के साथ कैसे मार सकता है? यह प्रश्न आज हर भारतीय के मन-मस्तिष्क को परेशान करता है। आज बड़ी जरूरत है कि भारत की सनातनी समाज एकजूट हो और आत्मरक्षा के एि हर तरफ से एकजुट हों। हिन्दुओं के धर्मातरण पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारी संख्या में लोग अपने पुरखों के कुटुम्ब में लौटना चाहते हैं। श्री चुतर्वेदी ने मोदी सरकार द्वारा इस्लामिक महिलाओं के साथ किए गए न्यायपूर्ण फैसलों केा सराहा और कहा कि लाखों देवियों को नवजीवन मिला है। इस्लाम विशेषज्ञ तुफैल चतुर्वेदी ने पिछली एक शताब्दी में सनातनी (हिन्दू) समाज पर शताब्दी में हुए अन्यायों की भी चर्चा की और उन पीड़ाओं से निबटने के उपाय समझाए।


श्री चतुर्वेदी ने कहा कि यदि सभ्य विश्व को नष्ट होने से बचाना है तो देश-दुनिया में व्याप्त दुष्ट शक्तियों का दमन करना ही होगा। श्री तुफैल ने दुनिया भर में फैले आतंकवाद के कारण और निवारण पर विस्तार की चर्चा की। उन्होेंने कहा कि भारतीय संविधान में मुस्लिम, ईसाई व यहूदी को छोड़कर सभी को हिन्दू कहा गया है, बाद में इसमें अल्पसंख्यक के नाम पर कई वर्गों को जोड़ा गया। श्री चतुर्वेदी ने पाकिस्तान से भारत आने वाले हिन्दुओं की वीजा की संख्या बढ़ाने की मांग भारत सरकार से की। उन्होंने हिन्दू समाज को आगाह करते हुए हिन्दू गणराज्य की स्थापना के शंकराचार्य परिषद के प्रयासों की सराहना की।


भाग्योदय फाउण्डेशन के अध्यक्ष व संस्थापक आचार्य राम महेश मिश्र ने उत्तराखण्ड को भारत का भाल प्रान्त बताया और कहा कि राष्ट्ररूपी शरीर के मस्तक उत्तराखण्ड को ठीक व सशक्त करना न केवल इस हिमालयी राज्य की बल्कि पूरे देश की जिम्मेदारी है। उन्होंने मुगलकाल से लेकर अंग्रेजों के काल तक के प्रमुख क्रांतिवीरों को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने हमेशा आजाद रहने वाले गढ़वाल क्षेत्र की वीरता की कहानियाँ सुनायीं। श्री मिश्र ने कहा कि उन्हीं महावीरों के समर्पण एवं बलिदान के कारण आज हम भारतवासी आजादी की सांस ले रहे हैं। श्री मिश्र ने सभी हिन्दू जातियों व समूहों के एकीकरण पर जोर दिया और कहा कि समाज-राष्ट्र के मार्गदर्शक ‘ब्राह्मण’ का ‘याचक’ बन जाना और राष्ट्र के शिल्पी ‘शूद्र’ का दलित हो जाना इस ऋषि राष्ट्र का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है। पंचायत सभा का मुख्य मंचीय समन्वयन भी श्री राम महेश मिश्र द्वारा किया गया।


सभी अभ्यागतों का स्वागत करते हुए आचार्य करुणेश मिश्र ने कहा कि भारत को मजबूती देने के लिए अब हमें गीता की ओर जाना ही होगा और भारत के महाभारत बनाने के लिए श्रीकृष्ण व अर्जुनों को अपनी भूमिका निभानी होगी। पंचायत सभा का समापन कार्यक्रम संयोजक श्री भूपेन्द्र गौड़ के आभार अभिव्यक्ति से हुआ। इसके पूर्व चले प्रश्नोत्तर कार्यक्रम में जिज्ञासुओं के प्रश्नों के उत्तर स्वामी आनन्द स्वरूप, श्री तुफैल चतुर्वेदी और मंचस्थ सन्तों द्वारा दिए गए। हिन्दू पंचायत कार्यक्रम में प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम के पीठाधीश्वर महंत रूपेन्द्र प्रकाश, भारत साधु समाज के राष्ट्रीय मन्त्री महामण्डलेश्वर डाॅ. स्वामी प्रेमानन्द वेदांताचार्य, राष्ट्रीय परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष अधीर कौशिक, शंकराचार्य परिषद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोनिका आनन्द, शंकराचार्य परिषद के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष राजकिशोर यादव, परिषद के न्यासी व उद्योगपति श्री नरेन्द्र खड़का, भाग्योदय फाउण्डेशन के न्यासी सचिव श्री दिलीप कुमार नायक, एडवोकेट सुनीता शर्मा, उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष रवि शास्त्री, विवेक शुक्ल, भोलेराम दिनकर, जितेन्द्र मिश्र, सरिता अग्रवाल, अर्चना वर्मा, ताराचन्द विरमानी, कृष्ण गीतानन्द सरस्वती, मोहित नवानी, तेजराम साहू, धर्मनगरी हरिद्वार स्थित विभिन्न आश्रमांें के सन्त-महन्त, समाजसेवी, विभिन्न वर्गो के प्रतिनिधियों समेत कई गण्यमान व्यक्ति उपस्थित रहे। ेिहन्दू पंचायत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सुधी श्रोताओं ने भी भागीदारी की।



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