ध्यान ही प्रसन्न रहने की है कला :-योगेश्वर पुष्पनन्दन
आध्यात्मिक गुरु श्री योगेश्वर पुष्पनंदन जी महाराज का पावन जन्मोत्सव सिद्धाश्रम मयूर विहार ज्वालापुर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
हरिद्वार /ज्वालापुर 22 जनवरी (संजय वर्मा संपादक गोविंद कृपा हरिद्वार,) आध्यात्मिक गुरु श्री योगेश्वर पुष्पनंदन जी महाराज का पावन जन्मोत्सव ज्वालापुर स्थित सिद्धाश्रम मयूर विहार में श्रद्धा भाव के साथ हर्षोल्लास से मनाया गया। जन्मोत्सव समारोह का शुभारंभ भक्ति गीतो और भजनो के साथ हुआ। समारोह स्थाल पर पहुंचने पर सद्गुरू देव महाराज का स्वागत प्रदीप सैनी, रोहित खन्ना, राजेश अंगिरा, पंकज मेहरा, केसी खोलिया, तेजपाल सिंह ने विशाल माल्यार्पण के साथ काय। इस अवसर पर अपने आशीर्वचन में सद्गुरू देव महाराज ने कहा कि मानव स्वभाविक रूप से प्रसन्न रहना चाहता है और प्रसन्न रहने की कला ध्यान हैं लेकिन सांसारिक जाल मानव को दुख कष्ट में उलझाये रहते हैं। मनुष्य मन को खुश रखने के लिए अनेक संसाधनों को अर्जित करता है लेकिन फिर भी दुखी और असंतुष्ट रहता है। उन्होने ने कहा कि आज का मानव आनंद को बाहर ढूंढता हैं लेकिन वास्तविक खुशी के रहस्य को समझने की कोशिश नहीं करता। इस अवसर पर मंच का संचालन आशु चौहान और संजय खन्ना ने किया। श्री सिद्धाश्रम और गुरु परम्परा को नमन करते हुए संजय खन्ना ने कहा कि सद्गुरू देव और सिद्धाश्रम तीर्थ नगरी हरिद्वार मे सेवा और सुमिरन के प्रकाश पुंज है जिनके आलोक में आध्यातम गंगा अविरल रूप से प्रवाहित हो रही है। राजेश अंगिरा ने कहा कि गुरूदेव की प्रेरणा से सिद्धाश्रम के माध्यम से मानव मात्र की सेवा के प्रकल्प निर्बाध संचालित हो रहे हैं। श्री सिद्धाश्रम में आयोजित कार्यक्रम में गणमान्य लोगों ने गुरूदेव को जन्मदिन की बँधाई देकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
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