कुम्भ मेले की अवधि को सीमित किये जाने का संत कर रहे हैं विरोध

 कुम्भ को खंडित करने का अधिकार देवताओ को भी नही : स्वामी विशोकानन्द भारती

हरिद्वार 1मार्च (विनीत गिरि संवाददाता गोविंद कृपा कनखल) 

निर्वाणपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर राजगुरु स्वामी विशोकानन्द भारती महाराज ने कुम्भ मेले की अवधि को सीमित 


किये जाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि कुम्भ मेला ईश्वरीय कार्य है इसका शुभ योग ज्योतिषीय गणना से होता है। इसे खण्डित करने का साहस स्वयं देवताओं में भी नही है। तो कोई किस प्रकार इसे समिति व बाधित कर सकता है। उन्होंने कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं मुहैया कराएं, साथ ही मेले में आने के नियमों में सरलीकरण लाये। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर 4 मार्च को श्रीयंत्र मन्दिर विश्व कल्याण साधनायतन,कनखल में सभी महामण्डलेश्वरों की आम सभा दोपहर 2 बजे  आयोजित की है। इस महासभा में सभी महामंडलेश्वर भाग लेंगे। 

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानन्द भारती ने बताया कि देश-विदेश के सभी महामण्डलेश्वरों की चिंता है कि उनके श्रद्वालु किस प्रकार मेले में आएंगे। एसओपी के कड़े नियमों के चलते महामण्डलेश्वरों के साथ श्रद्धालुओं में मेले में आने को लेकर अनिशिचता छाई हुई है। इसी को लेकर सभी महामंडलेश्वर आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए 4 मार्च को एकत्र हो रहे है। स्वामी जी ने मेले में आने वाले सभी भक्त-श्रद्धालूओं से आह्वान किया कि वे सरकार द्वारा समय-समय पर जारी कोरोना गाइड लाइन का पालन करें। ताकि हरिद्वार आने में किसी को कोई असुविधा न हो।

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