दर्द गढवाली का दर्द

 ग़ज़ल 


दिल उसका इक पत्थर है क्या।

कोई सूखा सागर है क्या।।


जो बैठा है भीतर मेरे।

वो तेरे भी अंदर है क्या।।


क्या-क्या बसता है इस दिल में।

ये दिल भी एक नगर है क्या।।


आईने में जो दिखता है।

मेरे जैसा अच्छा है क्या।।


फूलों से खाली खाली है।

ये गुलशन भी बंजर है क्या।।


दर्या होकर भी प्यासा है।

इसका कोई उत्तर है क्या।।


दर्द गढ़वाली, देहरादून 

09455485094


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